भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के शाहपुरा क्षेत्र में एक दंपती की संदिग्ध परिस्थितियों में बंद कमरे में शव मिलने से सनसनी फैल गई। महिला बिस्तर पर मृत मिली, जबकि पति फंदे पर मिला। भांजा करीब 14 घंटे तक कमरे के बाहर उनके उठने का इंतजार करता रहा। शाम तक उनके नहीं उठने पर उन्होंने पुलिस को सूचना दी।
पुलिस ने दरवाजा तोड़कर शव बरामद किया। पुलिस को आशंका है कि हत्या के बाद पति ने सुसाइड किया होगा, लेकिन शॉर्ट पीएम रिपोर्ट नहीं मिलने के कारण पुलिस अधिकारिक तौर पर कुछ भी बोलने से बचती नजर आई। दोनों के बीच खंडवा कोर्ट में मामला चल रहा था। पत्नी ने पति से अलग रहने के लिए कोर्ट में याचिका लगाई है, जबकि पति ने पत्नी के साथ रहने का आवेदन दिया है।
शाहपुरा पुलिस को शनिवार शाम ईश्वर नगर से फोन पर एक घर के दरवाजे अंदर से बंद होने की सूचना मिली थी। मौके पर पहुंची पुलिस ने खिड़की से किसी तरह झांक कर देखा तो एक युवक फांसी पर लटका दिखा। पुलिस दरवाजा तोड़कर अंदर घुसी तो वहां एक महिला बिस्तर पर मृत पड़ी हुई थी। मृतक की पहचान खंडवा निवासी 37 साल के जितेंद्र चाकरे और महिला की शिनाख्त जितेंद्र की 35 साल की पत्नी रंजीता चाकरे के रूप में हुई। प्रारंभिक जांच में पुलिस को आशंका है कि जितेंद्र ने पत्नी की गला घोंटने के बाद खुद फांसी लगा ली। हालांकि अभी पोस्टमार्टम नहीं होने के कारण से पुलिस दोनों की मौत को लेकर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
पुलिस ने बताया कि खंडवा के बामनिया गांव में रहने वाले जितेंद्र और रंजीता के बीच पारीवारिक विवाद चल रहा था। दोनों ने कोर्ट में आवेदन लगा रखा था। रंजीता किसी भी सूरत में जितेंद्र के साथ नहीं रहना चाहती थी। करीब एक साल से दोनों अलग रहे रहे हैं। करीब 12 दिन पहले रंजीता ससुराल से अपने 9 साल के बेटे लकी को लेकर भोपाल में मायके अपनी मां के घर आ गई। पेपर चलने के कारण 13 साल की बेटी कशिश को उसने वहीं छोड़ दिया था। जितेंद्र फोन करके रंजीता को वापस आने के लिए कह रहा था, लेकिन रंजीता तैयार नहीं थी। पत्नी को मानने के लिए जितेंद्र 6 मई की दोपहर भोपाल आया। वह ससुराल के पास ही अपने रिश्तेदार कालूराम के यहां रुक गया। रात को जितेंद्र किसी तरह रंजीता को मनाकर अपने साथ कालूराम के घर ले आया। देर रात उन्होंने खाना खाया।
जितेंद्र और रंजीता अंदर वाले कमरे में सो गए, जबकि उनका कालूराम अपने बेटे के साथ बाहर वाले कमरे में सो गया। सुबह कालूराम काम पर चला गया। इधर उसका बेटा दरवाजा खुलने का इंतजार करता रहा। शाम करीब 5 बजे तक दरवाजा नहीं खुलने पर उन्होंने पुलिस को सूचना दी, तब जाकर मामले का खुलासा हुआ। उन्होंने बताया कि रात 2 बजे तक उनकी आवाजें आई थीं। उसके बाद उनकी नींद लग गई थी। करीब 14 घंटे तक कोई अंदाजा ही नहीं लगाया पाया कि क्या हुआ।
पुलिस के अनुसार आठ दिन पहले रंजीता भोपाल में रहने वाले माता-पिता के यहां रहने आ गई थी। अभी तक की जांच में सामने आया है कि रंजीता ने ही पति को फोन कर खंडवा से भोपाल बुलाया था। जिस कमरे में दोनों की लाश मिली है, उसे कालूराम भामोरे ने दो साल पहले किराए पर लिया था। कालूराम जितेंद्र का जीजा है। भोपाल की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया bhopal news पर क्लिक करें।