भोपाल। ताजा-ताजा पेट्रोल के दाम कम हुए हैं। इस खुशी में कई लोग अपनी मोटरसाइकिल में फुल टैंक पैट्रोल भरवा सकते हैं। कुछ लोगों की आदत होती है, बार-बार पेट्रोल पंप की लाइन में लगने का वक्त नहीं होता। फुल टैंक करा कर चलते हैं, लेकिन गर्मी के मौसम में यह आदत जानलेवा हो सकती है।
मध्यप्रदेश के भिंड शहर के चतुर्वेदी नगर में रजत मिश्रा की बाइक उनके घर के आंगन में खड़ी थी। रात 12:00 बजे अचानक बम ब्लास्ट जैसा धमाका हुआ। बाहर निकल कर देखा तो बाइक में आग लगी हुई थी और उसके परखच्चे उड़ गए थे। रजत मिश्रा ने 2 दिन पहले ही बाइक का फुल टैंक कराया था।
तकनीकी विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी वाहन में फुल टैंक ईंधन नहीं होना चाहिए। नए वाहनों में फुल टैंक लेवल बनाया जाता है, जो एक्चुअल में 90% टैंक लेवल होता है। पेट्रोल में गर्मी के कारण गैस बनती है। जब उसे निकलने के लिए कोई जगह नहीं मिलती तो पेट्रोल टैंक धमाके के साथ फोड़ते हुए बाहर निकल जाती है। इलेक्ट्रॉनिक वाहनों में बैटरी होती है। स्पार्किंग के कारण आग लग जाती है।