भोपाल। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं सीएम राइज स्कूलों का लंबे समय से प्रचार कर रहे हैं। झाबुआ में एक स्कूल ऐसा है जिसे सीएम राइज स्कूल घोषित किया गया, इसके बाद भी उसमें एडमिशन नहीं हुए। निराश सरकार ने स्कूल को सीएम राइज की लिस्ट से हटा दिया और उसके आधुनिकीकरण के लिए जारी होने वाले ₹180000000 का बजट रोक लिया।
स्कूल का नाम कल्याणपुरा मॉडल स्कूल, झाबुआ है। यह एकमात्र स्कूल है जो शिक्षा विभाग द्वारा संचालित किया जाता है। शेष सभी जनजातीय कार्य विभाग के अधीन हैं। कहा जा रहा है कि स्कूल प्रबंधन यहां पर बच्चों की संख्या नहीं बना पाया। स्कूल में कुल विद्यार्थियों की संख्या 280 भी नहीं हो पाई है। जबकि सीएम राइज स्कूल 400 विद्यार्थियों को ध्यान में रखकर तैयार किए जा रहे हैं।
राजधानी की तरफ से इसके लिए स्कूल प्रबंधन और जिले को जिम्मेदार बताया जा रहा है परंतु सीएम राइज स्कूल के सिस्टम को समझें तो सब कुछ सेंट्रलाइज है। मुख्यमंत्री स्वयं सीएम राइज स्कूलों की मार्केटिंग और ब्रांडिंग कर रहे हैं। तमाम विज्ञापन और समाचार जारी हो रहे हैं। इस सब के बावजूद यदि विद्यार्थी एडमिशन लेने नहीं आ रहे। सीएम शिवराज सिंह की डायरेक्ट मॉनिटरिंग के बाद भी यदि जिले और स्कूल के अधिकारी काम नहीं कर रहे तो यह फेलियर राजधानी का है।
एक कारण यह भी हो सकता है
वैसे इंटरनेट चुगली कर रहा है कि कल्याणपुरा का मॉडल स्कूल राजनीतिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र है। शायद कोई पॉलिटिक्स हुई है। यदि यह स्कूल सीएम राइज स्कूल बन जाता तो यहां पर वह सभी गतिविधियां संचालित नहीं हो पाती, जो वर्षों से होती आ रही है।