Private college fees in cash, supreme Court decision
नई दिल्ली। भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने प्राइवेट कॉलेजों में नगद फीस भुगतान पर रोक लगा दी है। साथ ही कहा है कि यदि कोई कॉलेज नगद भुगतान के लिए दबाव बनाता है तो उसकी शिकायत सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में बनाए जा रहे वेब पोर्टल पर करें।
प्राइवेट कॉलेजों की शिकायतों की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में होगी
फीस निर्धारण के लिए बनी निजी कॉलेजों की समिति व अन्य के खिलाफ राष्ट्रीय शिक्षण समिति की ओर से दायर याचिकाओं पर सभी पक्षों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने यह महत्वपूर्ण निर्णय दिया जिसमें व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शिकायतों की सुनवाई के लिए सरकार द्वारा एक ऑनलाइन वेब पोर्टल बनाया जाए। जिसकी निगरानी सुप्रीम कोर्ट करेगा।
अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केन्द्रीय स्वास्थ्य निदेशक और देश की राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करना होगा कि राष्ट्रीय स्तरीय कोटे की काउंसलिंग और स्टेट कोटे के लिए काउसंलिग को निर्धारित समय सारिणी के अनुसार सख्ती से पूरा किया जाना चाहिए। किसी भी प्रकार के एडमिशन में छात्रों की सूची उनकी योग्यता के साथ प्रकाशित की जाए।