जबलपुर। संविदा यानी कांटेक्ट (लिखित अनुबंध) के आधार पर हुई एक शादी के बाद लड़की द्वारा लड़के वालों के खिलाफ दर्ज कराई गई दहेज एक्ट की FIR पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। इस मामले में अब आरोपी लड़के वालों की गिरफ्तारी नहीं होगी। हाईकोर्ट ने लड़की वालों और पुलिस को नोटिस जारी करके जवाब तलब किया है। सुनवाई की अगली तारीख 24 जुलाई 2022 निर्धारित की गई है।
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता मुंबई निवासी अरजीत राय व उसके माता-पिता की ओर से अधिवक्ता मोहनलाल शर्मा, प्रतीक दुबे, अमित स्थापक व शिवम शर्मा ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि 8 अक्टूबर 2021 को याचिकाकर्ता का विवाह बंगाली रीति-रिवाज से जबलपुर निवासी अमृता से हुआ था।
इस दौरान दोनों परिवारों के बीच एक अनुबंध-पत्र भी हस्ताक्षरित हुआ था, जिसमें यह शपथ ली गई थी कि संपूर्ण विवाह दहेज-मुक्त होगा। साथ ही अमृता अपने सास-ससुर की सेवा करेगी और ससुराल में विवाद नहीं करेगी। लड़के वालों ने हाई कोर्ट को बताया कि लड़की यानी अमृता द्वारा अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन किया गया, जिसके कारण लड़के के माता पिता ने लड़की के खिलाफ मुंबई की कोर्ट में केस ठोक दिया।
विवाद के बाद अमृता जबलपुर में अपने माता पिता के पास आ गई और महिला थाना मदन महल में लड़के वालों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज करवा दिया। जबलपुर पुलिस इस मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है। याचिकाकर्ता अरजीत राय ने मुंबई की सेशन कोर्ट में ट्रांजिट बेल, अग्रिम जमानत अर्जी दायर कर दी। जिस पर सुनवाई के बाद उसे 30 दिन की अग्रिम जमानत मिल गई।
इसी के साथ अरजीत अपने माता-पिता के साथ जबलपुर आया और हाई कोर्ट में जबलपुर में दर्ज एफआइआर निरस्त किए जाने की मांग के साथ याचिका दायर कर दी। हाईकोर्ट ने याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP NEWS पर क्लिक करें.