भारत में सदियों से बताया जाता है कि हंस एक ऐसा पक्षी है जो दूध में से पानी को अलग कर देता है और दूध पी जाता है। यह भी बताया जाता है कि हंस पानी में से मोती चुग लेता है। आइए जानते हैं कि क्या सचमुच हंस, दूध में से पानी अलग कर सकता है।
हंस (Swan) अनैटिडाए कुल के जलपक्षियों के सिग्नस (Cygnus) वंश के पक्षी होते हैं। पूरी दुनिया में इसकी केवल 6 जातियां जीवित रह गई हैं। यह तेजी से विलुप्त हो रहा है। हंस हमेशा से ही एक दुर्लभ पक्षी रहा है। मान्यता है कि हंस मानसरोवर में रहते हैं, लेकिन वर्तमान में दुनिया में जो 6 जातियां जीवित हैं उनमें से कोई भी दूध में से पानी अलग नहीं कर पाती। भारत की कुछ पुरानी कथाओं (नीर क्षीर विवेक) में इस घटना का विवरण है, परंतु प्रमाणित नहीं है।
क्या हंस मोती खाते हैं
ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ पंक्तियां अक्सर दोहराई जाती हैं। रामचंद्र कह गए सिया से ऐसा कलयुग आएगा, हंस चुगेगा दाना दुनका, कौवा मोती खायेगा। इसके कारण मान्यता बन गई है कि हंस मोती खाते हैं, परंतु यह भी सही नहीं है। हंस का मुख्य भोजन जलीय पौधों से प्राप्त होता है। यह पक्षी फलों के बीज, घास, कीड़े, छोटी मछलियां इत्यादि खाता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article
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