कंपनियों के बारे में तो सभी जानते हैं। आपने हजारों कंपनियों के नाम पढ़े होंगे। कुछ कंपनियां पब्लिक लिमिटेड होती है और कुछ प्राइवेट लिमिटेड। पब्लिक और प्राइवेट तो समझ में आता है लेकिन कंपनी के नाम में लिमिटेड शब्द का उपयोग क्यों किया जाता है जबकि कोई भी कंपनी अनलिमिटेड बिजनेस करने के लिए ही बनाई जाती है।
कंपनी एक व्यापारिक संगठन को कहते हैं। इसमें कुछ लोग किसी एक व्यापारिक उद्देश्य के लिए संगठित होते हैं। किसी इंडिविजुअल प्रोफेशनल और व्यापारिक फर्म की तुलना में कंपनी को कई सारे कानूनी अधिकार मिलते हैं। एक व्यापारिक फर्म केवल उसी क्षेत्र में व्यापार कर सकती है जहां के लिए उसे रजिस्टर्ड किया गया है, लेकिन एक कंपनी देश के किसी भी हिस्से में काम कर सकती है।
जहां तक लिमिटेड शब्द का प्रश्न है तो निश्चित रूप से यह लिमिटेशन को बताने के लिए उपयोग किया गया है। प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में डायरेक्टरों की संख्या न्यूनतम 2 और अधिकतम 200 सकती है। यह कंपनी की लिमिट है। इसी प्रकार सभी कंपनियों के व्यापार के लिए ट्रेड की लिमिट पहले से घोषित और निर्धारित की जाती है।
यदि कोई कंपनी मोबाइल फोन बेचने के लिए रजिस्टर्ड करवाई गई है तो वह कंपनी मोटरसाइकिल नहीं बेच सकती। एक रियल स्टेट कंपनी जमीन खरीद कर मकान तो बना सकती है लेकिन खेतों को खरीद कर खेती नहीं कर सकती। यह कंपनी की लिमिटेशन है। इसीलिए कंपनी के नाम के साथ लिमिटेड शब्द का उपयोग किया जाता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article
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