ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में जयारोग्य हॉस्पिटल के पोस्टमार्टम भवन में रखा कोरोना के संदिग्ध मरीज का शव बदलने के मामले में मृतक की पत्नी ने न्यायालय में 40 लाख का दावा किया है। मृतक की पत्नी ने कहा है कि उसके पति सब्जी और फल का ठेला लगाते थे। उनकी आय का कोई साधन नहीं है। मामला गणेशपुरा मुरैना निवासी नफीस बेगम का है।
उन्होंने अपने पति इरतजा मोहम्मद की मौत के लिए इलाज में लापरवाही के साथ-साथ शरीर के कई अंग बेचने जैसे गंभीर आरोप भी लगाए हैं। दावे में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य, कलेक्टर, JAH के अधीक्षक, डिमांस्ट्रेटर डॉ. हीरालाल मांझी और डॉ. अश्विनी पांडेय तथा प्रदीप बाथम को प्रतिवादी बनाया है। दावे की प्रति CMHO डॉ. मनीष शर्मा के कार्यालय में आई है।
गणेशपुरा मुरैना निवासी इरतजा मोहम्मद की मौत 13 अगस्त 2020 एवं शिंदे की छावनी निवासी सुरेश चंद्र बाथम की मौत 14 अगस्त 2020 को हुई थी। इन दोनों कोरोना संदिग्ध मरीजों के शव पोस्टमार्टम हाउस में रखे थे। इनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई। सुरेश की जगह परिजन इरतजा का शव ले गए और अंतिम संस्कार कर दिया था। ग्वालियर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया GWALIOR NEWS पर क्लिक करें.