ग्वालियर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के माई का लाल बयान के बाद 2 अप्रैल 2018 से चले आ रहे जातिगत तनाव को दूर करने के लिए आज दोनों वर्गों के साथ अलग-अलग बैठक का आयोजन किया गया। शिवराज सिंह चौहान ने 2023 के चुनाव से पहले ग्वालियर में जातिगत तनाव को दूर करने का प्रयास किया।
2 अप्रैल 2018 के मुकदमे वापस लिए जाएंगे
मुख्यमंत्री के साथ मीटिंग के दौरान दोनों पक्षों ने 2 अप्रैल 2018 की हिंसा के बाद दर्ज में मुकदमों को वापस लेने की मांग की। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले में कोई घोषणा नहीं की लेकिन उनका पक्ष सकारात्मक था। माना जा रहा है कि कानूनी पहलू को देखने के बाद, जो भी संभव हो सकेगा, चुनाव से पहले सरकार द्वारा किया जाएगा।
2 अप्रैल ग्वालियर हिंसा क्या है
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा माई का लाल बयान के बाद मध्यप्रदेश में सामान्य वर्ग के लोग उनसे नाराज हो गए थे। पूरे प्रदेश में प्रदर्शन हुए। सामान्य वर्ग में सबसे ज्यादा बड़े प्रदर्शन ग्वालियर-चंबल और रीवा-सतना क्षेत्रों में हुए। इसी दौरान एक अन्य निर्णय के बाद अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों ने बंद का आह्वान किया और ग्वालियर में बाजार को जबरदस्ती बंद कराने का प्रयास किया। सामान्य वर्ग के लोगों द्वारा इसका विरोध किया गया और दोनों पक्षों के बीच जबरदस्त हिंसा हुई। इस हिंसा में कई ऐसे सामान्य नागरिकों पर हमले हुए जिन्हें दोनों पक्षों की राजनीति से कोई सरोकार नहीं था।