ग्वालियर। मध्य प्रदेश शासन, उच्च शिक्षा विभाग के सिस्टम में सुराख नजर आया है। सरकारी कॉलेज में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स को छात्रवृत्ति मिलती है लेकिन यदि उनका एडमिशन निरस्त हो जाए तो उनकी छात्रवृत्ति बंद नहीं होती। ग्वालियर के केआरजी कॉलेज में इस गड़बड़ी का खुलासा हुआ है।
छात्रा का नाम याशिका प्रजापति है। बीए सेकंड ईयर की छात्रा है। कोरोना काल में एडमिशन हुआ। कॉलेज का कहना है कि याशिका प्रजापति ने एडमिशन के समय टीसी जमा नहीं की थी। उसे टीसी जमा करने के लिए समय दिया गया लेकिन तब भी उसने ट्रांसफर सर्टिफिकेट जमा नहीं कराया। इसलिए उसका एडमिशन निरस्त कर दिया गया। छात्रा का कहना है कि उसने टीसी जमा करा दी थी परंतु उसके पास कोई सबूत नहीं है। उसे यह भी नहीं पता कि उसने टीसी किसके पास जमा कराई थी।
खैर, यह कॉलेज और याचिका के बीच के विवाद का विषय है परंतु मुद्दे की बात यह है कि कॉलेज ने याशिका का एडमिशन निरस्त कर दिया लेकिन उसको छात्रवृत्ति लगातार मिलती रही। केवल KRG कॉलेज में 141 एडमिशन निरस्त हुए हैं। अनुमान लगाइए पूरे मध्यप्रदेश में कितने हुए होंगे। डॉ. एमआर कौशल, प्रिंसिपल, केआरजी कॉलेज का कहना है कि छात्रवृत्ति कॉलेज का सब्जेक्ट नहीं है।
सवाल यह है कि छात्रवृत्ति शासन का सब्जेक्ट है और कॉलेज भी शासन का है। कमाल की बात है, कॉलेज में एडमिशन लेने पर छात्रवृत्ति मिलती है परंतु कॉलेज का एडमिशन निरस्त हो जाने पर छात्रवृत्ति रुकती नहीं है। जब से छात्रवृत्ति शुरू हुई है तब से लेकर अब तक सिस्टम की एक गलती के कारण जनता का हजारों करोड़ का नुकसान हो गया। ग्वालियर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया GWALIOR NEWS पर क्लिक करें.