No compromise in the Posco Act, Punjab and Haryana High Court's decision
नई दिल्ली। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति श्री पंकज जैन की पीठ ने एक याचिका पर सुनवाई के बाद डिसीजन दिया कि नाबालिग बच्चे की प्रताड़ना से संबंधित पोस्को एक्ट में बच्चे के माता-पिता और आरोपी के बीच समझौता मान्य नहीं हो सकता।
सुरिंदर कुमार के खिलाफ 2021 में एक नाबालिग से दुष्कर्म के आरोप में पॉक्सो एक्ट के तहत FIR दर्ज की गई थी। आरोपी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए कहा था कि उसका पीड़ित पक्ष के साथ समझौता हो गया है, ऐसे में उसके खिलाफ दर्ज इस FIR को रद्द किया जाए। जस्टिस पंकज जैन ने याचिका को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि पास्को एक्ट के तहत पीड़िता और उसके परिजनों से समझौता होने पर FIR को रद्द करना इस एक्ट की मूल भावना को आहत करने जैसा होगा।
जस्टिस जैन ने कहा है कि इस एक्ट में आरोपी कैसे समझौता कर सकता है, क्योंकि पीड़ित नाबालिग है और वह समझौता नहीं कर सकती। उसके परिजनों को उसकी तरफ से कोई समझौता करने का अधिकार नहीं है। ऐसे में यह समझौता अवैध होगा। लिहाजा हाईकोर्ट ने एफआईआर को रद्द करने की मांग को लेकर दाखिल याचिका को आधारहीन करार देकर इसे खारिज कर दिया। साथ ही ट्रायल कोर्ट को आदेश दिया है कि इस मामले का छह महीने में निपटारा करे।