Madhya Pradesh railway employees news
इंदौर। रेलवे स्टेशन पर आने वाली ट्रेनों में सफाई करने वाले एक कर्मचारी को जेल जाना पड़ा क्योंकि वह अपनी नवजात बेटी के साथ समय बिताना चाहता था। उससे बंधुआ मजदूर की तरह काम लिया जाता था। बेटी के साथ समय बिताने के लिए उसने एक ट्रेन में बम रखे होने की अफवाह उड़ा दी। इसके बाद उसने बेटी के साथ समय कविता लिया परंतु GRP ने गिरफ्तार कर लिया और जेल भेज दिया।
अपराधी कौन, कर्मचारी या नियोक्ता
सरकारी हो या प्राइवेट, भारत में साप्ताहिक अवकाश का अधिकार सभी को प्राप्त है। परंतु रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों में सफाई का काम करने वाले अनुबंधित रेलवे कर्मचारी प्रमोद माली और उसके साथियों को कोई छुट्टी नहीं मिलती। लगातार काम लिया जाता है। कोई ब्रेक नहीं दिया जाता। प्रमोद की पत्नी ने 4 दिन पहले बेटी को जन्म दिया। उसे छुट्टी नहीं दी गई।
बेटी से मिलने के लिए तड़प रहे पिता ने ट्रेन में बम होने की अफवाह उड़ा दी। इसके कारण ट्रेन की चेकिंग की गई और ट्रेन लेट हो गई। सफाई कर्मचारी प्रमोद को अपनी बेटी से मिलने का समय मिल गया। बाद में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। सवाल यह है कि इस मामले में अपराधी कौन है। वह कर्मचारी जिसने अफवाह उड़ाई या फिर वह नियोक्ता जो कर्मचारियों से बंधुआ मजदूर की तरह काम ले रहा है।
एसपी रेल निवेदिता गुप्ता के मुताबिक 18 मई को ट्वीटर के माध्यम से सूचना मिली थी कि उज्जैन स्टेशन पर गोरखपुर-बांद्रा एक्सप्रेस के किसी कोच में अज्ञात व्यक्ति ने चेन पुलिंग कर बम रख दिया है। सूचना पर टीम ने सर्चिंग की। गाड़ी में विस्फोटक सामग्री नहीं मिली। साइबर यूनिट के जरिए अफवाह उड़ाने वाले की लोकेशन निकाली गई तो वह ट्रेन में मिली। उसे एक कोच से हिरासत में ले लिया गया। उसने अपना नाम मिलन रजक, सफाई कर्मचारी बताया।
पूछताछ में रजक ने बताया कि दोस्त प्रमोद माली ने उसके मोबाइल से ट्वीट किया था। इस पर ट्रेन में से ही प्रमोद को भी गिरफ्तार कर लिया। दोनों सफाई कर्मचारी हैं और ट्रेन में सफाई का काम करते हैं। पूछताछ में प्रमोद माली ने सब कुछ सच-सच बता दिया।
यह कार्रवाई अधूरी है, अधिकारियों को भी गिरफ्तार करो
माना कि सफाई कर्मचारी प्रमोद माली ने अपराध किया है लेकिन पुलिस द्वारा की गई है कार्रवाई पूरी नहीं है। प्रमोद माली के बयान के आधार पर उसको नियुक्त करने वाले और उससे काम करने वाले अधिकारियों को गिरफ्तार करना चाहिए। पता लगाना चाहिए, क्या प्रमोद माली सही कह रहा है। यदि हां, तो प्रमोद माली से काम लेने वाले अधिकारियों के खिलाफ बंधुआ मजदूरी प्रणाली (उन्मूलन) अधिनियम 1976 के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए।