जबलपुर। मध्य प्रदेश राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी अरुण कुमार मिश्र को प्रमोशन देकर भारतीय पुलिस सेवा संवर्ग में शामिल करने हेतु मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने NOC दे दी है, लेकिन शर्त रखी है कि उनका प्रमोशन हाई कोर्ट के निर्णय के अधीन रहेगा।
मध्यप्रदेश राज्य पुलिस सेवा संवर्ग के अधिकारी अरुण कुमार मिश्र की ओर से हाईकोर्ट में निवेदन किया गया था। न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की पीठ ने कहा कि आने वाली पदोन्नति में मिश्रा को वंचित न रखा जाए एवं भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के सदस्य बनाने के लिए विचार किया जाए। कोर्ट ने कहा कि विभागीय पदोन्नति समिति का निर्णय याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन रहेगा। राज्य शासन को 30 दिन में निर्णय लेने के निर्देश दिए गए।
अपराध अन्वेषण शाखा जबलपुर के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार मिश्रा की ओर से याचिका दायर हुई। जिसमें बताया गया कि उनके खिलाफ 24 फरवरी 2021 को आरोप पत्र जारी हुआ। उन पर आरोप है कि एक अन्य व्यक्ति प्रतीक जोशी के घर आयकर विभाग के द्वारा की गई छापे मारी में जो अभिलेखों बरामद हुए उसमें अरुण कुमार मिश्रा के नाम के साथ 7.5 करोड़ रुपये लिखा पाए जाने के साक्ष्य है।
अरुण कुमार मिश्रा एवं जोशी के बीच फोन पर बातचीत भी हुई। उक्त आरोप पत्र भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों पर जारी किया गया। अधिवक्ता पंकज दुबे व अक्षय खंडेलवाल ने कोर्ट को बताया कि मिश्रा ने उक्त आरोप पत्र के विरुद्ध आपत्ति लगाते हुए उच्च न्यायालय में याचिका पेश की। कोर्ट ने 15 मार्च 2021 को मिश्रा के विरुद्ध आरोप पत्र स्थगित कर दिया था।