Sapteshwar Shri Ganesh mandir ki katha
जबलपुर के रतन नगर में एक अनोखा और चमत्कारी श्री गणेश मंदिर है। कहते हैं कि इस मंदिर में होने वाली दैनिक आरती में यदि कोई व्यक्ति 40 दिन तक लगातार उपस्थित रहे तो इतने मात्र से उसकी मनोकामना पूरी हो जाती है। इस मंदिर की स्थापना सन 1989 में हुई थी। यहां भगवान श्री गणेश एक विशालकाय चट्टान के आकार में हैं।
श्री सुप्तेश्वर श्री गणेश मंदिर की कथा
इस मंदिर में भगवान श्री गणेश की प्रतिमा के दर्शन होते हैं, वह स्वयंभू है। जमीन से प्रकट हुई है। केवल भगवान गणेश का चेहरा जमीन के ऊपर है। शेष शरीर का पूरा भाग जमीन के भीतर है। यह भी कहा जाता है कि जैसे-जैसे इस मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जाएगी वैसे-वैसे जबलपुर की कीर्ति भी बढ़ती जाएगी।
श्री सुप्तेश्वर गणेश (सिद्ध विनायक) की स्थापना सुधा अविनाश राजे द्वारा की गई। उन्होंने दावा किया है कि स्वप्न में स्वयं भगवान श्री गणेश की इसी मूर्ति ने उन्हें दर्शन दिए और तिलक लगाने के लिए कहा। जबलपुर की पहाड़ियों में बहुत खोजने के बाद 4 फरवरी 1989 को वह शिला दिखाई दे गई जो सपनों में आती थी। सितम्बर 1989 को गंगाजल, नर्मदा जल से अभिषेक किया सिंदूर व घी लगाकर स्थापना करके पूजा प्रारंभ कर दी।
कहा जाता है कि इस अलौकिक स्थान में श्री सुप्तेश्वर गणेश जी अपनी पूर्ण शक्तियों, माँ वैष्णव देवी के साथ विराजमान हैं।