जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर हाई कोर्ट ने अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर दायर एक पुनरीक्षण याचिका विचारार्थ स्वीकार करते हुए मूल याचिका के साथ संलग्न करने के निर्देश दिए।न्यायमूर्ति विशाल धगट की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता रीवा निवासी बीना पांडे की ओर से अधिवक्ता सुशील मिश्रा ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि जेपी एसोसिएट ने सुनील की कुछ जमीन अधिग्रहीत की थी।
हाई कोर्ट ने 27 फरवरी 2018 को जेपी सीमेंट में नौकरी देने के निर्देश कंपनी को दिए थे। कंपनी ने सात मई, 2018 को सुनील को नियुक्ति दी। करीब पंद्रह माह बाद हैदराबाद में ड्यूटी पर रहते हुए 29 अगस्त, 2019 को सुनील की मृत्यु हो गई। पत्नी बीना ने 12 अक्टूबर, 2019 को अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया। जब कंपनी ने कोई जवाब नहीं दिया।लिहाजा, हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई।
हाई कोर्ट के निर्देश पर पहले भी हो चुकी अनुकंपा नियुक्ति
हाई कोर्ट ने 29 नवंबर, 2019 को यह कहते हुए याचिका निरस्त कर दी थी कि निजी कंपनी को अनुकंपा नियुक्ति देने का आदेश नहीं दे सकते। इसके बाद पुनरीक्षण याचिका दायर कर अधिवक्ता मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि वर्ष 2015 में ममता उरमलिया के एक मामले में इसी हाई कोर्ट ने उक्त कंपनी को अनुकंपा नियुक्ति देने के निर्देश दिए थे। इस पर हाई कोर्ट ने रिव्यू याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया। जबलपुर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया JABALPUR NEWS पर क्लिक करें.