ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में स्थित जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.अविनाश तिवारी की अध्यक्षता में सोमवार को स्थाई समिति की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में सदस्यों ने पीएचडी आर्डिनेंस 11 के उल्लंघन का मुद्दा उठाया।
सदस्यों ने कहा कि पुस्तकालय विज्ञान विषय में पीएचडी कर रहे संजय सोनी का शोध पत्र (थीसेस)13 साल बाद जमा कराया गया है, जबकि आर्डिनेंस 11 के तहत अधिकतम नौ साल में शोध पत्र जमा कराया जा सकता है, जो सीधे-सीधे आर्डिनेंस 11 का उल्लंघन है।
सदस्यों ने कहा कि नियमों का मजाक बनाया गया है। इस विरोध के बाद कमेटी का गठन किया गया। इस कमेटी में कुलसचिव डा. सुशील मंडेरिया, प्रो.जेएन गौतम, प्रो.एसके सिंह, प्रो.एके सिंह और डीन अकादमी राजीव मिश्रा को शामिल किया गया है। यह कमेटी इस मामले की जांच करेगी और तय करेगी कि शोध पत्र का मूल्यांकन कराया जाए या नहीं।उच्च शिक्षा, सरकारी और प्राइवेट नौकरी एवं करियर से जुड़ी खबरों और अपडेट के लिए कृपया MP Career News पर क्लिक करें.