भोपाल। मध्य प्रदेश के गुना में तीन पुलिस कर्मचारियों की शहादत के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। पता चला है कि आरोपी अपने घर में होने वाले एक निगाह में मेहमानों को काले हिरण और मोर का शिकार किया था। पुलिस ने घेर लिया तो सरेंडर करने के बजाए फायरिंग कर दी थी।
गुना कांड में सब इंस्पेक्टर राजकुमार जाटव, आरक्षक नीरज भार्गव और आरक्षक संतराम मीणा की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई थी। आरोपियों का पता चल गया है। पुलिस प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है। आरोपियों द्वारा अतिक्रमण में निर्माण किया गया था जिन्हें गिराया जा रहा है। आधिकारिक गिरफ्तारी की घोषणा नहीं की गई है परंतु पता चला है कि 10 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है।
सबसे बड़ी बात यह है कि पुलिस पर हमला करने वाले पेशेवर वन्य प्राणी तस्कर नहीं थे बल्कि एक समाज विशेष के लोग थे। परिवार में निकाह था। मेहमानों को काले हिरन और मोर का गोश्त परोसने का वादा किया था। इसलिए शिकार करने अंदर आए थे। इस प्रकार के मामलों में पुलिस के सामने आने पर सरेंडर कर दिया जाता है, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हुआ। शिकारियों ने पुलिस की टीम पर ताबड़तोड़ फायरिंग की और फरार हो गए।
हत्यारों का दिग्विजय कनेक्शन, राधौगढ़ किले पर बुलडोजर चलना चाहिए
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद विष्णु दत्त शर्मा ने मांग की है कि इस मामले में आरोपियों और कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह के बीच संबंधों की जांच होनी चाहिए। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सुरेंद्र शर्मा ने कहा है कि यदि यह बात सही है तो राधौगढ़ के किले पर भी बुलडोजर चलना चाहिए। वैसे भी दिग्विजय सिंह कहते हैं कि मध्यप्रदेश सरकार का बुलडोजर हमेशा गरीबों के घर पर चलता है। राधौगढ़ के किले पर चलेगा तो उनकी इच्छा भी पूरी हो जाएगी।मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP NEWS पर क्लिक करें.