भोपाल। माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्यप्रदेश भोपाल के विशेषज्ञों ने हाईस्कूल परीक्षा में बेस्ट ऑफ फाइव फार्मूला लागू करके रिजल्ट तो सुधार लिया लेकिन बच्चे बिगड़ गए। 10.29 लाख विद्यार्थियों में से 3 लाख स्टूडेंट्स ऐसे हैं जिनका गणित और अंग्रेजी विषय में डब्बा गुल है। पता नहीं दुनिया में वह कैसे फाइट कर पाएंगे।
दरअसल, मध्यप्रदेश में शिक्षक भर्ती घोटालों के कारण योग्य उम्मीदवारों की स्कूलों में नियुक्ति नहीं हो पाई। योग्य उम्मीदवार स्कूलों में नियमित कर्मचारी के तौर पर नियुक्त हो गए। नतीजा स्कूलों में पढ़ाई ठप हो गई। हाई स्कूल का रिजल्ट खराब होने लगा। एक गलती को छुपाने के लिए दूसरी गलती की गई। बेस्ट ऑफ फाइव फार्मूला लागू किया गया। यानी यदि कोई विद्यार्थी केवल 5 विषयों में पास हो जाता है तो उसे कक्षा 11 में प्रमोट कर दिया जाएगा।
इस साल ऐसे तीन लाख विद्यार्थी कक्षा 11 में पहुंच गए हैं जो कक्षा 10 में गणित या अंग्रेजी विषय में पासिंग मार्क्स तक नहीं लेकर आ पाए। चिंता की बात यह है कि इतनी बड़ी संख्या में अयोग्य बच्चे जब कॉलेज में पहुंचेंगे तो CBSE के स्टूडेंट से कैसे प्रतिस्पर्धा कर पाएंगे। किसी भी बालक के करियर के लिए बहुत जरूरी है कि अंग्रेजी और गणित में वह कम से कम उत्तीर्ण जरूर हो जाए। यदि इन दो विषयों में फेल हो गया तो अक्सर लाइफ में फेल हो जाते हैं। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP NEWS पर क्लिक करें.