भोपाल। मध्य प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में बड़ी संख्या में अध्यापकों के पद रिक्त हैं परंतु उनकी पूर्ति के लिए MPPSC के माध्यम से कोई नई भर्ती नहीं होगी। ना ही, अतिथि विद्वानों को नियमित किया जाएगा। यह निष्कर्ष, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन सिंह यादव के बयान के आधार पर निकाला जा सकता है।
मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव ने बताया कि सरकारी कॉलेजों में प्रोफेसरों की कमी को पूरा करने के लिए मध्य प्रदेश शासन के विभिन्न विभागों में कार्यरत विशेषज्ञों को प्रतिनियुक्ति पर बुलाया जाएगा। इस बयान से स्पष्ट होता है कि मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती अब नहीं होगी एवं वर्षों से सेवाएं दे रहे अतिथि विद्वानों को भी नियमित नहीं किया जाएगा।
मध्य प्रदेश में शासकीय कर्मचारी प्रतिनियुक्ति पर कॉलेजों में पढ़ाएंगे
उच्च शिक्षा मंत्री स्पष्ट कर दिया है कि विभिन्न विभागों के विशेषज्ञ, मध्य प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में नियमित प्रोफेसरों की जगह पढ़ाएंगे। उन्हें प्रतिनियुक्ति पर लिया जाएगा। यानी कि नगरपालिका का इंजीनियर कॉलेज में इंजीनियरिंग की क्लास लेगा और कलेक्टर की शिकायत शाखा का कर्मचारी सोशल साइंस पढ़ाएगा।
उच्च शिक्षा, सरकारी और प्राइवेट नौकरी एवं करियर से जुड़ी खबरों और अपडेट के लिए कृपया MP Career News पर क्लिक करें.