भोपाल। कांग्रेस पार्टी में अब बहुत कुछ बदल रहा है। दिसंबर तक मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी कमलनाथ की परिक्रमा कर रही थी। अब कमलनाथ, कांग्रेस पार्टी की परिक्रमा करते नजर आ रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद उदयपुर चिंतन शिविर में मिले निर्देशों का पालन करने का फैसला लिया है। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के 115 टिकट युवाओं को मिलेंगे। इसका असर यह होगा कि 47 वरिष्ठ नेताओं के टिकट कट जाएंगे।
कांग्रेस पार्टी के 3 विधायकों और नेताओं की टिकट खतरे में
कांग्रेस पार्टी में ऐसे सभी नेता एवं विधायकों के टिकट खतरे में है जिनकी उम्र 50 वर्ष से अधिक है। 60 वर्ष से अधिक आयु के नेता जो पिछला चुनाव हार गए थे, उनके टिकट का कोई चांस ही नहीं है। वर्तमान में 28 विधायक 50 से 60 साल की उम्र के बीच के हैं। इन सब का टिकट पक्का है। 70 साल वाले विधायकों में कांतिलाल भूरिया, डॉ. गोविंद सिंह, आरिफ अकील, पीसी शर्मा, सज्जन सिंह वर्मा, विजयलक्ष्मी साधौ का टिकट जरूरी है। इन को बचाने के लिए कुछ विधायक और ज्यादातर टिकट के दावेदार वरिष्ठ नेताओं को बलिदान देना पड़ेगा।
उदयपुर चिंतन शिविर में राहुल गांधी ने दिया था फार्मूला
उदयपुर चिंतन शिविर में स्पष्ट हुआ कि कांग्रेस पार्टी न केवल भारत की सबसे पुरानी पार्टी है बल्कि भारत में बूढ़े पुराने नेताओं की पार्टी बनकर रह गई है। अपने इलाकों के प्रभावशाली युवा नेता कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देकर दूसरी पार्टियों में शामिल हो रहे हैं। राहुल गांधी ने फार्मूला दिया था कि कम से कम 50% टिकट और पार्टी के पद 50 साल से कम उम्र के युवा नेताओं को दिए जाएं।