भोपाल। मध्यप्रदेश की नर्मदा पुरम एवं हरदा इलाके में 9 लाख हेक्टेयर में 1 करोड़ 35 लाख क्विंटल मूंग की पैदावार होने वाली है लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह मूंग की दाल स्वास्थ्य के लिए खतरनाक ही नहीं बल्कि जानलेवा है। इसके कारण लीवर और किडनी फेल हो सकते हैं। कैंसर का भी खतरा हो है।
मूंग की दाल क्यों जहरीली हो रही है
यदि जैविक पद्धति से मूंग की खेती की जाए तो आधी फसल खराब हो जाती है लेकिन यदि अत्यधिक मात्रा में कीटनाशक का प्रयोग किया जाए तो 95% तक पैदावार प्राप्त होती है। इसी लालच में किसान मूंग की फसल में बेहिसाब कीटनाशक का प्रयोग कर रहे हैं।
- RANTRANILIN PROLE (क्लोरिन ट्रानिलिन प्रोल) और थायो मैथाक्सम कीटनाशक हर 10 दिन में फसल पर छिड़का जा रहा है।
- इसमें पहली दवा इल्ली मार और दूसरी मच्छर-मक्खी मारती है। दोनों का घोल छिड़कते हैं।
- पैराक्यूट 2 बार डालते हैं। एक बार बोनी के 20 दिन बाद और दूसरी बार फसल सुखाने में।
मूंग की दाल में कीटनाशक पर तत्काल बैन लगाना चाहिए: साइंटिस्ट अमित शर्मा
डॉ. अमित कुमार शर्मा, एग्रीकल्चर साइंटिस्ट, कृषि विश्वविद्यालय का कहना है कि रासायनिक खाद का असर जमीन में जाने के बाद पानी पर, जानवरों के चारे पर, दूध पर भी हो रहा है। एक बार कीटनाशक डालने पर इसका 5 साल तक मिट्टी में असर खत्म नहीं होता है। मूंग के साथ अभी जो हो रहा, उस पर तत्काल बैन लगाना चाहिए वरना खून, लिवर, किडनी और कैंसर जैसी बीमारियां पैदा हो जाएंगी।
पढ़िए प्रशासनिक अधिकारी क्या कहते हैं
नर्मदापुरम में कृषि उपसंचालक जेआर हेडाऊ कहते हैं कि वैकल्पिक फसल का रास्ता कुछ कमाई और जमीन उपजाऊ रखने के लिए था, लेकिन किसानों ने जो तरीका अपनाया, वो घातक है। नर्मदापुरम के कृषि सहायक संचालक सुनील कुमार धोटे के मुताबिक जमीन के जैविक तत्व जल रहे हैं। यहां के 100% किसान जहरीली मूंग उगा रहे हैं। 10 साल में ये क्षेत्र पंजाब बन जाएगा। हर घर में कैंसर रोगी होगा।
ऐसी खेती हमारी नस्लें खराब कर देगी: पूर्व विधानसभा अध्यक्ष
सीतासरन शर्मा, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और होशंगाबाद विधायक का कहना है कि ये फसल नहीं जहर है। मैं तो हर सभा में किसानों को समझा रहा हूं कि कीटनाशक की ऐसी खेती हमारी नस्लें खराब कर देगी, लेकिन किसान है कि मान ही नहीं रहे हैं। सरकार ही कोई ठोस कदम उठाए।
कीटनाशक वाली मूंग दाल की खेती पर कृषि मंत्री कमल पटेल का बयान
कृषि मंत्री कमल पटेल का कहना है कि इस बार गर्मी ज्यादा पड़ी तो किसानों ने ज्यादा कीटनाशक डाला। मैं तो किसानों को संकल्प दिला रहा हूं कि ये जहरीली खेती न करें। अभी नहीं रुके तो पंजाब जैसे हालात होंगे। जैसे कोरोना काल में अस्पताल फूल हो गए थे वैसे ही लिवर किडनी और कैंसर के रोगियों से अस्पताल भर जाएंगे। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP NEWS पर क्लिक करें.