जबलपुर। सागर के रोजगार सहायक रामेश्वर प्रसाद सेन ने हाई कोर्ट से जानकारी छुपाना महंगा पड़ गया। हाईकोर्ट ने ना केवल फटकार लगाई बल्कि ₹25000 का जुर्माना भी ठोक दिया। पन्द्रह दिन के भीतर यह राशि राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण में जमा करने के निर्देश दिए गए हैं। यदि जुर्माना जमा नहीं कराया तो अवमानना की कार्रवाई की जाएगी।
मध्य प्रदेश के सागर जिले की केसली जनपद पंचायत के अंतर्गत ग्राम पंचायत बघवारा में संविदा ग्राम रोजगार सहायक के पद पर कार्यरत रहे रामेश्वर प्रसाद सेन की ओर से याचिका दायर की गई। अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता पर सरकारी योजनाओं में आर्थिक अनियमितता का आरोप लगाते हुए 23 फरवरी, 2022 को सागर कलेक्टर ने उसकी सेवा समाप्ति के आदेश जारी किए।
कलेक्टर के इस आदेश को 9 मार्च को हाई कोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी गई। सुनवाई के दौरान यह खुलासा हुआ कि याचिकाकर्ता ने उक्त आदेश के खिलाफ सागर कमिश्नर के यहां 2 मार्च को ही अपील कर दी थी। सागर कमिश्नर ने 9 मार्च को कलेक्टर का आदेश स्थगित भी कर दिया लेकिन यह तथ्य हाईकोर्ट से छिपा लिया गया।
जानकारी पर कोर्ट ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए 25 हजार रुपये जुर्माना राशि जमा करने के निर्देश दिए। राज्य सरकार का पक्ष शासकीय अधिवक्ता गुलाबकली पटेल ने रखा। कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP karmchari news पर क्लिक करें.