जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस संजय द्विवेदी की सिंगल बेंच ने नगर निगम जबलपुर के कमिश्नर आशीष वशिष्ठ को नोटिस जारी करके तलब कर लिया है। आरोप है कि उन्होंने हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद कर्मचारी को तंग करने के लिए इंजीनियर से टाइम की पर बना दिया। कमिश्नर की पेशी की तारीख 14 जून 2022 निर्धारित की गई है।
अस्थाई कर्मचारी सब इंजीनियर के नियमितीकरण का आदेश दिया था
जबलपुर निवासी केदारनाथ सिंह मन्देले की ओर से यह अवमानना याचिका दायर की गई। कहा गया कि याचिकाकर्ता नगर निगम में दैनिक वेतन भोगी पर सब इंजीनियर के रूप में कार्यरत था। 2010 में उसने नियमितीकरण के लिए हाईकोर्ट की शरण ली। कोर्ट ने उसके अभ्यावेदन पर नियमों के प्रकाश में विचार कर निर्णय लेने के निर्देश दिए।
नियमित नहीं किया, भर्ती विज्ञापन निकाल दिया
इसके बाद एमआईसी की बैठक में सरकार से याचिकाकर्ता के नियमितीकरण पर अनुमति लेने का निर्णय किया गया। सरकार ने कहा कि स्थानीय निकाय अपने स्तर पर कर्मियों के नियमितीकरण का फैसला ले सकते हैं। इसके बावजूद उसका नियमितीकरण नहीं किया गया, बल्कि 2014 में नगर निगम ने सब इंजीनियर की भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला। इसे फिर हाईकोर्ट में चुनौती दी गई।
नियमितीकरण के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट तक गए लेकिन हार गए
24 जून 2016 को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने फिर निर्देश दिए कि याचिकाकर्ता के नियमितीकरण के अभ्यावेदन का तीन माह के अंदर किया जाए। इस आदेश के खिलाफ निगम की अपील मध्य प्रदेश हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से खारिज हो गई।
अंत में सब इंजीनियर को नियमित करके टाइमकीपर बना दिया
तर्क दिया गया कि इसके बाद निगम ने सब-इंजीनियर की बजाय टाइम कीपर पद पर उसके नियमितीकरण का आदेश जारी कर दिया। यह सरकार कोर्ट की अवमानना है। प्रारम्भिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने कमिश्नर को स्पष्टीकरण देने के लिए तलब कर लिया।