भोपाल। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के कमिश्नर अजय मेहरा ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि उन संस्थानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए जो कर्मचारियों के खाते में उनके प्रोविडेंट फंड का हिस्सा जमा नहीं करा रही है। उन्होंने कहा कि ऐसी कंपनियों को सबक सिखाया जाएगा जो कर्मचारियों को पीएफ का लाभ नहीं दे रही है।
कमिश्नर ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसे डिफॉल्टर संस्थान जो कर्मचारियों को पीएफ का लाभ नहीं दे रहे हैं, उनकी जानकारी इंटेलीजेंस विंग के जरिए जुटाई जाए और उनके खिलाफ़ सख्त कार्रवाई की जाए। ई-नॉमिनेशन के लिए विशेष मुहिम भी चलाई जा रही है। किसी मेंबर की मृत्यु होने पर उनके परिजनों को पीएफ पेंशन का लाभ भी अब जल्द मिल रहा है।
PF का प्रकरण 7 दिन में निपटाएं
गौरतलब हैं कि मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के पीएफ कमिश्नर अजय मेहरा ने विभाग की समीक्षा बैठक लेकर क्षेत्रीय कार्यालयों के सभी भविष्य निधि आयुक्त को निर्देश दिए। श्री मेहरा ने अधिकारियों से कहा है कि पीएफ प्रकरण को तीन से सात दिनों में निपटाया जाए। उन्होंने बताया कि नई तकनीक से पीएफ क्लेम सेट्लमेंट में लगने वाले समय में काफी कमी आई है। करीब एक साल से ईपीएफओ के सदस्यों को डाटा को आधार नंबर से लिंक किया जा रहा है। इससे क्लेम सेट्लमेंट जल्दी होता है और फ्रॉड पेमेंट का जोखिम बहुत कम है।