भोपाल। मध्यप्रदेश में कमलनाथ से ज्यादा व्यस्त नेता कोई भी नहीं है। ओबीसी आरक्षण को लेकर बवाल मच गया। सीएम शिवराज सिंह चौहान से सवाल हो गए, जवाब आ गया लेकिन कांग्रेस के हाईकमान कमलनाथ का बयान तो दूर की बात ट्विटर पर एक कमेंट तक नहीं आया। दैनिक भास्कर को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि मेरे पास 200 काम होते हैं, विधानसभा में बैठकर क्या भाजपा की बकवास सुनूं। शायद आज कमलनाथ उन्हीं 200 में से कोई दूसरा महत्वपूर्ण काम कर रहे हैं।
कमलनाथ छुट्टी पर हैं, 17 घंटे से कोई गतिविधि नहीं
कांग्रेस पार्टी की ओर से सीएम कैंडिडेट कमलनाथ छुट्टी पर हैं। पिछले 17 घंटे से उनकी कोई भी गतिविधि पता नहीं चली है। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी और उनके आपने ऑफिस के ट्विटर हैंडल से उनके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। यहां तक कि हर सुबह महापुरुषों के लिए किए जाने वाले ट्वीट भी आज नहीं किया गया।
दिग्विजय सिंह और कांग्रेस पार्टी भी चुप है
ध्यान देने वाली बात है कि बिना किसी पद के मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी चलाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह लगातार एक्टिव हैं, लेकिन ओबीसी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उन्होंने कोई बयान नहीं दिया है। अलबत्ता बिजली कटौती के कारण दुल्हन बदल गई, वाली खबर को शेयर करते हुए तंज जरूर कसा है।
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा कमलनाथ की चुनावी घोषणा को फिर से वायरल किया गया है जिसमें बताया गया है कि, मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही किसान कर्जमाफी योजना दोबारा शुरू की जाएगी और प्रदेश के किसानों का कर्ज़ा माफ़ किया जाएगा। नोट का बात यह है कि ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर मध्य प्रदेश कांग्रेस की ओर से भी कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह शायद बाद में चिट्ठी लिखेंगे।
खबर का तत्काल असर
भोपाल समाचार डॉट कॉम पर इस खबर के प्रसारण के ठीक 15 मिनट बाद कमलनाथ का बयान आ गया। उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार का ओबीसी वर्ग विरोधी चेहरा आज एक बार फिर सामने आ गया है। शिवराज सरकार शुरू से ही नहीं चाहती थी कि ओबीसी वर्ग को किसी भी आरक्षण का लाभ कभी भी मिले , इसको लेकर तमाम हथकंडे व तमाम साजिशें रची जा रही थी।
ओबीसी वर्ग को उनके बढ़े हुए आरक्षण का लाभ मिलता लेकिन शिवराज सरकार तो चाहती ही नहीं थी इसलिए उसने इसको लेकर कोई गंभीर प्रयास नहीं किए लेकिन कांग्रेस आज भी दृढ़ संकल्पित है कि ओबीसी वर्ग को बड़े हुए आरक्षण का लाभ हर हाल में मिलना चाहिए और बगैर ओबीसी आरक्षण के मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव व नगरीय निकाय चुनाव नही होना चाहिये।
इसको लेकर हम ओबीसी वर्ग के साथ हैं, हम चुप नहीं बैठेंगे।हम आज आये फ़ैसले का अध्ययन करेंगे, विधि विशेषज्ञों से चर्चा करेंगे। इसको लेकर हम सड़क से लेकर सदन तक लड़ाई लड़ेंगे।