जबलपुर। न्यायाधीश वीरेन्द्र सिंह और न्यायाधीश प्रकाश चंद्र गुप्ता की खंडपीठ ने मध्यप्रदेश में परिवहन विभाग द्वारा पुराने वाहनों के फिटनेस रिनुअल के समय ली जाने वाली पेनल्टी पर रोक लगा दी है। नवीन नियमों के अनुसार यह पेनल्टी ₹50 प्रतिदिन के आधार पर निर्धारित की गई है। हाईकोर्ट के आगामी आदेश तक कोई भी आरटीओ ऑफिस इस तरह की पेनल्टी वसूली नहीं कर सकता।
जबलपुर और कटनी के बस आपरेटर्स प्रकाश चंद गुप्ता, पंकज गुप्ता व प्रदीप गुप्ता ने याचिका दायर की, जिसमें बताया कि केन्द्र सरकार ने चार अक्टूबर 2021 को अधिसूचना जारी कर सेंट्रल मोटर वीकल रूल में संशोधन किया है। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता आशीष रावत ने बताया कि संशोधन के तहत 15 साल पुराने वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट और उनके नवीनीकरण के लिए ली जाने वाला शुल्क 600 से बढ़ाकर 12500 रुपए कर दिया है। केन्द्र सरकार ने नवीनीकरण में विलंब होने पर प्रतिदिन 50 रुपए का अतिरिक्त शुल्क निर्धारित किया है। यह संशोधन 0 अप्रैल 2022 से प्रभावशील हुआ है। याचिका में दलील दी गई कि पूर्व में हाईकोर्ट ने इस तरह के शुल्क को असंवैधानिक घोषित कर चुकी है। इसके बावजूद केन्द्र ने संशोधन में दोबारा उसी प्रावधान को शामिल कर दिया है।
न्यायाधीश वीरेन्द्र सिंह और न्यायाधीश प्रकाश चंद्र गुप्ता की खंडपीठ ने केन्द्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्रालय के सचिव, मप्र के परिवहन विभाग के सचिव, परिवहन आयुक्त ग्वालियर, उप क्षेत्रीय परिवहन आयुक्त जबलपुर, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी जबलपुर व एआरटीओ कटनी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा एवं आगामी आदेश तक 15 साल पुराने भारी वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट के नवीनीकरण के लिए निर्धारित ₹50 प्रतिदिन विलंब शुल्क की वसूली पर अंतरिम रोक लगा दी है। मामले पर अगली सुनवाई 21 जून को होगी।