भोपाल। मध्यप्रदेश में महापौर, नगर पालिका और नगर परिषद अध्यक्ष के चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होंगे या अप्रत्यक्ष प्रणाली से, इस प्रश्न का सही उत्तर राजभवन की सील लगने के बाद ही पता लगेगा। फिलहाल अध्यादेश की चर्चाओं के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, मंगू भाई पटेल से मिले।
उल्लेखनीय है कि भारतीय जनता पार्टी का संगठन महापौर एवं अध्यक्ष पद पर प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव चाहता है जबकि भाजपा के विधायक चाहते हैं कि प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव हो, क्योंकि प्रत्यक्ष प्रणाली से चुना गया महापौर खुद को विधायक से बड़ा मानता है और नगर पालिका अध्यक्ष को विधायक के समकक्ष। इस कशमकश के चलते एक बार अध्यादेश पर राज्यपाल की मुहर लगने के बाद उसे वापस बुला लिया गया था।
सूत्रों का कहना है कि एक बार फिर अध्यादेश तैयार हुआ है। इस बार फैसला लिया गया है कि महापौर का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होगा लेकिन नगर पालिका अध्यक्ष और नगर परिषद अध्यक्ष चुनाव पार्षदों के द्वारा अप्रत्यक्ष प्रणाली से होगा। इस विषय को लेकर इतना कंफ्यूज हो गया है कि कंफर्म न्यूज़ तभी बताई जा सकती है जब राजभवन से अध्यादेश पर जावक नंबर दर्ज हो जाए।