भोपाल। मध्य प्रदेश में आज से पहले तक नगर परिषद अध्यक्ष, नगर पालिका अध्यक्ष और महापौर तीनों समान पद होते थे लेकिन राज्यपाल द्वारा आज मंजूर किए गए अध्यादेश के बाद महापौर एक अलग पद हो जाएगा। महापौर के मामले में राइट टू रिकॉल लागू होगा लेकिन नगर पालिका एवं नगर परिषद अध्यक्ष के मामले में एक्सचेंज सिस्टम लागू होगा।
राइट टू रिकॉल क्या होता है
प्रत्यक्ष प्रणाली से चुने गए महापौर के मामले में यदि नगर निगम में पार्षदों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है और तीन चौथाई पार्षद अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में यदि महापौर के खिलाफ वोट करते हैं तो महापौर के पद पर बैठे व्यक्ति अयोग्य घोषित कर दिया जाता है। महापौर के लिए फिर से चुनाव होते हैं और जनता द्वारा मतदान किया जाता है।
एक्सचेंज सिस्टम का मतलब क्या है
नगर पालिका एवं नगर परिषद में अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होगा। ऐसी स्थिति में यदि अध्यक्ष पद पर बैठे व्यक्ति सदन का विश्वास खो देता है। विधि सम्मत प्रक्रिया से पद के अयोग्य घोषित हो जाता है। तब मौजूद पार्षदों में से किसी एक को अध्यक्ष चुन लिया जाता है। यानी कि राइट टू रिकॉल लागू नहीं होता।