भोपाल। मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार रिटायर्ड कर्मचारियों को पेट्रोल, दवाइयां और राशन में राज्य स्तरीय टैक्स में छूट नहीं देती लेकिन पेंशन में कटौती का फायदा जरूर उठाती है। एक तरफ बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा कराई जा रही है और दूसरी तरफ जीवन भर सरकार की सेवा करने वाले 4 लाख 75 हजार पेंशनर्स को बुढ़ापे में तड़पाया जा रहा है।
रिटायर्ड कर्मचारी केंद्र सरकार का हो या राज्य सरकार का, महंगाई सब पर बराबर असर करती है। राज्य सरकार दोनों प्रकार के पेंशनरों से उनकी दवाई और राशन पर पूरा टैक्स लेती है लेकिन केंद्र के समान महंगाई राहत नहीं देती। मध्य प्रदेश शासन के 4 लाख 75 हजार पेंशनर्स को 17 प्रतिशत महंगाई राहत दी जा रही है जबकि केंद्र सरकार अपने पेंशनर्स को 34 प्रतिशत डीआर प्रदान कर रही है।
धारा 49 के नाम पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के रिटायर कर्मचारियों की प्रताड़ना
मध्यप्रदेश पुनर्गठन अधिनियम की धारा 49 के नाम पर मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़, दोनों राज्यों के रिटायर्ड कर्मचारियों को प्रताड़ित किया जा रहा है। दोनों राज्यों की सरकारें एक दूसरे को दोषी बताती हैं। केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। कोई समस्या नहीं है लेकिन फिर भी समाधान नहीं किया जा रहा है। दोनों सरकारों का लक्ष्य किसी भी प्रकार से रिटायर कर्मचारियों की महंगाई राहत में कटौती बनाए रखना है। कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP karmchari news पर क्लिक करें.