भोपाल। सरकार सुने ना सुने भगवान जरूर सुनता है। रीवा के सहायक शिक्षक शारदा प्रसाद मिश्रा का बेटा मयंक मिश्रा कलेक्टर बनेगा। UPSC-2021 की चयन सूची में मयंक का नाम 228वें नंबर पर है। सबसे बड़ी बात यह है कि मयंक को सफलता का शिखर स्टेप बाय स्टेप स्ट्रगल करने के बाद मिला है।
सहायक शिक्षक शारदा प्रसाद मिश्रा को अब सब जानते हैं
रीवा जिले के त्योंथर ब्लॉक अंतर्गत कोनिया खुर्द गांव में सहायक शिक्षक शारदा प्रसाद मिश्रा रहते हैं। कल तक रीवा के ज्यादातर लोग इन्हें नहीं जानते थे। आज केवल रीवा ही क्या पूरे मध्यप्रदेश के कर्मचारी या तो है इन्हें जानते हैं या फिर जानना चाहते हैं। शारदा प्रसाद की कुल चार संतान है। 3 लाडली बेटियां हैं और एक बेटा। पिता मास्टर और घर में तीन बहने, लड़का एकलौता हो तब भी प्रेशर बहुत होता है। यह प्रेशर मयंक की लाइफ पर भी साफ दिखाई दिया।
पिता को पता था, घर में रहेगा तो पढ़ नहीं पाएगा
पिता को शायद पता था कि घर में रहेगा तो आगे नहीं बढ़ पाएगा। इसलिए कक्षा 6 में जवाहर नवोदय विद्यालय में एडमिशन करा दिया। दसवीं के बाद भोपाल भेज दिया। NIT BHOPAL के सिविल विभाग से 2015 में BTech कम्प्लीट करने तक मयंक भोपाल में ही रहा। कमानी इंजीनियरिंग इंटरनेशनल लिमिटेड मुंबई ने कैंपस सिलेक्शन कर लिया। 6 माह तक मुंबई और डेढ साल तक सऊदी अरब में नौकरी की। इस दौरान अच्छी खासी सैलरी मिली और बैंक में पैसा जमा कर लिया।
DSP मिश्रा, 14 नंबरों का पीछा करते-करते IAS बन गए
मौका मिलते ही अपने सपने पूरे करने के लिए जॉब को रिजाइन कर दिल्ली आ गया। बाजीराव आईएएस एकेडमी दिल्ली में 1 साल कोचिंग की। समझ में आ गया कि जितना पैसा जमा किया है उस से काम नहीं चलेगा। UPSC ने CAPF 2018 भर्ती परीक्षा की घोषणा की। तैयारी पहले से ही थी। AIR-5 RANK हासिल की और असिस्टेंट कमांडेंट की पोस्ट मिली। अब नौकरी के साथ पढ़ाई करना था। इसी बीच एक और अपॉर्चुनिटी मिली और मयंक मिश्रा उत्तर प्रदेश पुलिस में DSP बन गए। टारगेट नहीं छोड़ा। 2020 की UPSC परीक्षा में 14 नंबर से पीछे रह गए। DSP मिश्रा ने 14 नंबरों का पीछा शुरू किया और इस बार सारी बाधाएं तोड़कर IAS के लिए चयन सूची में नाम दर्ज हो गया।