भोपाल। मध्यप्रदेश में भर्ती एवं पात्रता परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवारों को नियुक्ति नहीं मिलती परंतु बिना किसी प्रक्रिया के स्वास्थ्य विभाग में सैकड़ों कर्मचारी नौकरी कर रहे हैं। लोकायुक्त ने नोटिस जारी करके, इनके नियुक्ति आदेश, परिवीक्षा अवधि, ट्रांसफर, रिलीविंग और कार्यभार ग्रहण करने के सभी दस्तावेज मांगे हैं।
दरअसल, यह बिल्कुल नई किस्म का घोटाला हुआ है। जिसमें स्वास्थ्य संचालनालय की संलिप्तता प्रमाणित हो रही है। फर्जी नियुक्ति पत्र जारी नहीं हुए बल्कि फर्जी ट्रांसफर आर्डर जारी हुए। जिस व्यक्ति की नियुक्ति ही नहीं हुई थी, उसका ट्रांसफर कर दिया गया। ट्रांसफर आर्डर लेकर उसने ज्वाइन कर लिया और एमपी का गजब सिस्टम देखिए, बिना किसी वेरिफिकेशन के उसकी सैलरी शुरू हो गई। सन 2016 से घोटाला शुरू हुआ है। सन 2022 में एक शिकायत के आधार पर लोकायुक्त ने 119 कर्मचारियों की जांच शुरू की है। एक सिरे से सभी कर्मचारियों की जांच हुई तो पता नहीं क्या-क्या निकलेगा।
संदिग्ध एएनएम के नाम
सावित्री पटेल, गीता कुशवाह, धनेश्वरी मुराली, सरोज परस्ते, अनीता मरकाम, कुन्ती पटेल, सीमा भावर, लता सहारे, रामबाई बरकडे़, दुर्गा दिन्दौर, मधु राय, रूकमणी शिन्दे।
संदिग्ध एमपीडब्ल्यू के नाम
संतोष कुमार सेनी, होमनदास मोगर, संदीप कुमार गेहलोत, संजय दुबे, अरविन्द कुमार अहिरवार, पोहपलाल अहिरवार, एपी रिछारिया, जगदीश कुूमार चौधरी, मंजीत सिंह चंदौरिया, विजय सिंह, मदन चौरसिया, कैलाश जाटव, वृंदावन प्रजापति, वीरेन्द्र पाल सिंह जाटव, दीपक गोडिया, सुनील कुमार कश्यप, शिवकुमार माझी, अभिलाष यादव, कमलेश जाटव, पाल सिंह जाटव, राकेश साहू, राम सिंह गुर्जुर।
अन्य संदिग्ध कर्मचारी
संजय जायसवार (संगणक), राजेन्द्र (वार्ड वॉय), केबी सिंह (बीईई)।
उर्मिला जायसवार, सावित्री पडेरिया, शिवकन्या यादव (एलएचवी)।
कमल किशोर आर्य, भूरी देसाई, ललिता देवी श्याम, बृजेश कुमार गोस्वामी, सुखदेव कुशवाह, राजेश पांडे, महेश प्रसाद अहिरवार, देवकरण पटेल,मेवाराम कोरी, सेलेस्टा,(इनके तो पद नाम भी नहीं पता)।