जबलपुर। मध्य प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन भर्ती घोटाले के मामले में हाईकोर्ट ने नियुक्ति करने वाली एजेंसी OIC पर ₹10000 का जुर्माना लगाया है। यदि एजेंसी ने हाई कोर्ट में उपस्थित होकर अपना पक्ष प्रस्तुत नहीं किया तो उसे दंडित किया जा सकता है।
हाईकोर्ट में एक उम्मीदवार सेवकराम पटेल की ओर से लगाई गई याचिका में कहा गया है कि कोविड कॉल के दौरान राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत हुई नियुक्तियों में गड़बड़ी की गई। आरोप लगाया कि नियुक्ति में तत्कालीन आरक्षण के नियमों का पालन नहीं किया गया। कम अंक पाने वाले कैंडिडेट का चयन कर लिया गया।
याचिकाकर्ता का दावा है कि चयनित कैंडिडेट से उसके नंबर ज्यादा थे, बावजूद उसे दरकिनार कर कम नंबर वाले की ज्वाइनिंग करा दी गई। इस मामले में हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से नियुक्त ओआईसी को जवाब पेश करने का आदेश दिया था।
पर बार-बार मोहलत के बाद भी जवाब नहीं पेश करने पर आज हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल और जस्टिस विशाल धगट ने जुर्माने की कार्रवाई की है। मामले की अगली सुनवाई अब जून में होगी।