नई दिल्ली। मध्य प्रदेश त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव विभिन्न प्रकार के कानूनी दांव-पेचों में पिछले 2 साल से उलझा हुआ है। इस बात को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को अल्टीमेटम दे दिया है। सरकार ने 25 मई तक का टाइम मांगा था परंतु सुप्रीम कोर्ट ने 6 मई को दोपहर 2 बजे वापस बुलाया है।
मामला पंचायत चुनाव में 27% ओबीसी आरक्षण का है। सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण का आधार मांगा था। मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार को डाटा प्रस्तुत करना था परंतु अब तक नहीं किया गया। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि डाटा तैयार करने में समय लग रहा है। अगली तारीख 25 मई निर्धारित करने को कहा परंतु इस बात को लेकर सुप्रीम कोर्ट नाराज हो गया।
भारत के उच्चतम न्यायालय ने इस बात भी हैरानी जताई कि मध्य प्रदेश में पिछले 2 साल से 23 हजार पंचायत सीटें खाली हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा- हम हैरान हैं कि बिना किसी रिप्रेजेंटेटिव के 23000 पंचायत पद मध्य प्रदेश में खाली हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अल्टीमेटम दिया है कि यदि मध्य प्रदेश सरकार डाटा प्रस्तुत नहीं कर पाई तो महाराष्ट्र की तर्ज पर मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव कराए जाएंगे। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP NEWS पर क्लिक करें.