जबलपुर। मध्य प्रदेश त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कब होंगे, कोई नहीं कह सकता। प्रशासनिक स्तर पर इतनी गड़बड़ियां हुई है कि विवाद हाई कोर्ट तक पहुंच गए हैं। राजधानी भोपाल में परिसीमन को लेकर विवाद उपस्थित हुआ है। हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई जिसे सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया गया। भोपाल कलेक्टर सहित पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव एवं आयुक्त को नोटिस जारी किया गया है। अगली तारीख 13 जून 2022 निर्धारित की गई है।
मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति पुरुषेंद्र कुमार कौरव की युगलपीठ ने पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव, आयुक्त व कलेक्टर भोपाल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता भोपाल के बैरसिया तहसील के हर्राखेड़ा निवासी मनमोहन नागर की ओर से अधिवक्ता एलसी पटने व अभय पांडे ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि आयुक्त ने 22 फरवरी, 2022 को जिला पंचायत के परिसीमन की प्रारंभिक अधिसूचना जारी की।
मध्य प्रदेश पंचायत राज अधिनियम के तहत राज्य सरकार ने परिसीमन की कार्रवाई करने का अधिकार कलेक्टर यानी जिला निर्वाचन अधिकारी को दिए गए हैं। याचिकाकर्ता ने उक्त अधिसूचना को लेकर 2 मार्च, 2022 को आपत्ति दर्ज कराई। आपत्ति का निराकरण किए बिना आयुक्त ने 10 मार्च को बिना अधिकार जिला पंचायत परिसीमन की अंतिम अधिसूचना जारी कर दी।
यही नहीं परिसीमन की प्रक्रिया में निर्वाचन नियम के प्रविधानों का भी उल्लंघन किया गया। नियमानुसार प्रारंभिक अधिसूचना का नोटिस कलेक्टर, जिला पंचायत, विकासखंड और तहसीलदार कार्यालय में चस्पा करना अनिवार्य है, जोकि नहीं किया गया। परिसीमन की पूरी प्रक्रिया में नियमों का खुला उल्लंघन किया गया है। लिहाजा, अधिसूचना निरस्त किए जाने योग्य है।
बहस के दौरान अधिवक्ता एलसी पटने व अभय पांडे ने विभिन्न न्यायदृष्टांत रेखांकित किए। दलील दी कि मनमाने तरीक से अधिसूचना जारी नहीं की जानी चाहिए। इससे लोकतंत्र की मूल भावना आहत होती है। हाई कोर्ट ने सभी पहलुओं पर गौर करने के बाद जवाब-तलब कर लिया। जवाब आने के बाद उसे रिकार्ड पर लेकर आगामी आदेश पारित किया जाएगा। यदि अधिसूचना अनुचित पाई गई तो उसे निरस्त भी किया जा सकता है। ऐसे में सारी प्रक्रिया नए सिरे से अपनानी होगी। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP NEWS पर क्लिक करें.