भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के कक्षा पहली से आठवीं तक की शासकीय शालाओं की रैंकिंग प्रणाली विकसित करने और सीएम डैशबोर्ड में प्रदर्शित करने के निर्देश पर अमल करते हुए राज्य शिक्षा केंद्र सभी 52 जिलों की रैंकिंग तैयार कर रहा है।
कमिश्नर और कलेक्टर को भी रिपोर्ट भेजी जाएगी
संचालक राज्य शिक्षा केंद्र श्री धनराजू एस ने बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग इस माह से सभी जिलों में संपादित किए जा रहे कार्यों के आधार पर जिलों की रैंकिंग तय करेगा। हर कार्य और उपलब्धि के आधार पर जिलों को नंबर प्रदान किए जायेंगे और यह रिपोर्ट सभी जिलों के जिला परियोजना अधिकारियों के साथ ही जिला कलेक्टर्स और संभागीय आयुक्तों के मध्य भी साझा की जायेगी।
संचालक श्री धनराजू ने बताया कि गुणवता एवं समय-सीमा में कार्य निष्पादन के साथ ही जिलों के मध्य एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का भाव पैदा करने की दृष्टि से यह व्यवस्था लागू की जा रही है। राज्य शिक्षा केन्द्र में आने वाले सभी जिला शिक्षा केन्द्रों, डाइट्स और शिक्षा महाविद्यालयों जैसे प्रशिक्षण संस्थानों के कार्यों को हर माह कसौटी पर कसा जायेगा। जिलों के प्राप्तांकों के आधार पर सुधारात्मक कार्यवाही भी सुनिश्चित की जायेगी।
प्राथमिक स्कूली शिक्षा की प्राथमिकता के आधार पर अनेक कार्य बिंदु निर्धारित किए गए हैं। इसे मुख्यतः बच्चों के नामांकन एवं ठहराव, गुणवत्ता पूर्ण शैक्षिक उपलब्धियाँ, शिक्षकों का व्यवसायिक विकास, समानता, अधो-संरचना एवं भौतिक सुविधाएँ, सुशासन प्रक्रियाएँ और वित्तीय प्रबंधन तथा अन्य कार्यक्रम जैसे 7 मुख्य भागों में बांटा गया है। इनमें माह की प्राथमिकता के अनुसार सम-सामायिक रुप से परिवर्तन किए जाते रहेंगे।
शैक्षणिक सत्र 2021-22 में प्रदर्शन के आधार पर प्रदेश के सभी 52 जिलों की प्रावधिक रैकिंग तैयार कर 20 मई 2022 को जिलों के मध्य जारी की जायेगी, जिस पर सभी जिला कलेक्टर्स से सुधारात्मक सुझाव एवं आपत्तियाँ प्राप्त की जायेंगी। जिलों से प्राप्त सुझावों एवं आपत्तियों के आधार पर आवश्यक संशोधनों के बाद अंतिम रुप से जिलों की रैंकिंग निर्धारित कर सीएम डैशबोर्ड पर प्रदर्शित की जायेगी।