Madhya Pradesh Public Service Commission, indore द्वारा 18 मई 2022 को अचानक स्टेट इंजीनियरिंग एवं डेंटल सर्जन परीक्षा स्थगित कर दी। इससे पहले लोक सेवा आयोग ने ऐलान किया था कि परीक्षा पूर्व निर्धारित तारीख पर होगी। इस पूरे मामले का कनेक्शन बाहरी राज्यों से बताया जा रहा है।
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग ने 21 पदों के लिए राज्य अभियांत्रिकी परीक्षा का विज्ञापन जारी किया था, विज्ञापन से लेकर नियुक्ति तक रिक्त पदों की संख्या में अक्सर वृद्धि हो जाती है परंतु रिक्त पदों की संख्या छप्पर फाड़कर छत के ऊपर नहीं निकलती। इस बार ऐसा हुआ रिक्त पदों की संख्या 21 से बढ़ाकर 487 कर दी गई। यानी 466 पदों की वृद्धि की गई। इसी के बाद सारा घटनाक्रम शुरू हुआ।
सबसे पहले लोक सेवा आयोग ने उम्मीदवारों को आवेदन करने का एक और मौका दिया। फिर रोजगार प्रमाण पत्र के मामले में हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई। हाई कोर्ट पहले भी रोजगार प्रमाणपत्र की अनिवार्यता को समाप्त कर चुका है। इस बार भी वही हुआ और अंतरिम आदेश के आधार पर परीक्षा को स्थगित कर दिया गया।
सारा घटनाक्रम क्रिया की प्रतिक्रिया लगता है लेकिन यदि चश्मा बदल कर देखें तो ऐसा लगता है जैसे सब कुछ फिक्स था। एक स्क्रिप्ट तैयार की गई थी। जब हाईकोर्ट में रोजगार प्रमाण पत्र को लेकर याचिका दाखिल हुई थी तब लोक सेवा आयोग कैविएट दाखिल कर सकता था। स्टेट इंजीनियरिंग भर्ती परीक्षा हाई कोर्ट के निर्णय के अधीन हो सकती थी परंतु आयोग ने परीक्षा को स्थगित होने दिया। क्या बड़े खिलाड़ियों द्वारा कुछ ऐसा पकाया जा रहा है जिसकी महक भी नहीं आ पा रही है।