बीमार एवं दिव्यांग व्यक्ति हमेशा सामाजिक सहयोग के पात्र होते हैं, कई बार जब उन्हें कोई सहयोग नहीं मिलता तो स्वयं ड्राइविंग करनी पड़ती है। आइए जानते हैं कि बीमार एवं दिव्यांग व्यक्ति यदि ड्राइविंग करता है तो मोटर व्हीकल एक्ट के तहत उनके लिए क्या कुछ प्रावधान है।
मोटर यान अधिनियम, 1988 की धारा 186 की परिभाषा:-
जो कोई व्यक्ति किसी भी प्रकार से मानसिक या शारिरिक रोगी है या किसी भी प्रकार से निःशक्त होते हुए सार्वजनिक स्थान में मोटर वाहन चलाएगा जिससे जनता (पब्लिक) को खतरा उत्पन्न होने की संभावना हो तब ऐसा व्यक्ति अधिनियम की धारा 186 के अंतर्गत दण्डित होगा।
दण्ड:- प्रथम बार दोषसिद्ध होने पर एक हजार रुपए का जुर्माना अगर यही अपराध वह दोबारा करता है तब दो हजार रुपए का जुर्माने से दण्डित किया जाएगा।
नोट:- उपर्युक्त श्रेणी के व्यक्ति का सार्वजनिक सड़क पर मोटर यान चलाना तब भी अपराध होगा जब किसी भी प्रकार का खतरा उत्पन्न होना मात्र हो। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
:- लेखक बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665
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