मोटर यान अधिनियम,1988 की धारा-39 के अनुसार कोई भी व्यक्ति अपना वाहन तब तक नहीं चला सकता जब तक कि उसका रजिस्ट्रेशन ना हो गया हो, लेकिन यदि कोई इमरजेंसी की स्थिति बनती है तो क्या बिना रजिस्ट्रेशन वाला वाहन चला सकते हैं। पढ़िए मोटर व्हीकल एक्ट 1988 में इस बारे में क्या प्रावधान किया गया है:-
मोटर यान अधिनियम, 1988 की धारा 192 की परिभाषा:-
कोई व्यक्ति सार्वजनिक सड़क पर बिना रजिस्ट्रीकरण के किसी भी प्रकार के वाहन को चलाएगा या स्वामी होते हुए चलाने की आज्ञा देगा ऐसे व्यक्ति को पाँच हजार रुपए तक जुर्माना देना पड़ सकता है। यदि यही अपराध वह दूसरी बार करता है तब एक वर्ष की कारावास या दस हजार रुपए जुर्माना या दोनो से दण्डित किया जा सकता है।
नोट:- किसी आपात की स्थिति में बिना रजिस्ट्रीकरण के जाने वाले वाहन पर यह धारा लागू नहीं होगी, जैसे- रोगी व्यक्ति को ले जाना, क्षतिग्रस्त वाहन या संपत्ति के लिए प्रयोग पर आदि।
सामान्य जानकारी
संशोधन अधिनियम 2019 द्वारा धारा 191 हटा दी गई है जिसमें यह प्रावधान था कि किसी खराब वाहन को ख विक्रय या परिदान करना अपराध होगा। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
:- लेखक बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665
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