जब भी कोई वाहन (नया अथवा सेकंड हैंड) खरीदते हैं तो कभी-कभी क्रेता और विक्रेता के बीच एक बात बड़ी कॉमन होती है, दोनों ही टैक्स बचाने के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में गड़बड़ी का रास्ता ढूंढते हैं। परिवहन विभाग में रजिस्ट्रेशन के लिए गलत जानकारी देते हैं। वाहन के रजिस्ट्रेशन के लिए वाहन का स्वामी एवं डीलर दोनों जिम्मेदार होते हैं। पढ़िए, गलत जानकारी देने वाले डीलर अथवा वाहन के स्वामी के खिलाफ किस प्रकार की कार्रवाई का प्रावधान है।
मोटर व्हीकल एक्ट की धारा - 41 की उपधारा (1) में स्पष्ट बताया गया है कि वाहन स्वामी वाहन संबंधित सभी जानकारी एवं दस्तावेज प्रारूप सहित रजिस्ट्रेशन के लिए नियम अनुसार देगा। अगर किसी वाहन को एक से अधिक व्यक्तियों ने मिलकर खरीदा है तब सभी वाहन स्वामी एक व्यक्ति का नाम रजिस्ट्रेशन के लिए देगा एवं उसी आवेदक को वाहन स्वामी अर्थात डीलर (व्यौहारी) कहा जायेगा।
मोटर यान अधिनियम,1988 की धारा 192 (ख) की परिभाषा:-
अगर कोई वाहन स्वामी या कोई डीलर रजिस्ट्रीकरण के आवेदन करने के असफल रहता है या कोई झूठी जानकारी द्वारा वाहन का रजिस्ट्रीकरण करवा लेता है जैसे कि नकली दस्तावेज, वास्तविक जानकारी न देना, इंजन संख्या या चेसिस संख्या भिन्न होना आदि और वह वाहन का उपयोग कर रहा है तब ऐसा करने वाला व्यक्ति निम्न प्रकार से दण्डित होगा:-
1. मोटर यान स्वामी का रजिस्ट्रीकरण में असफल होने पर दण्ड【वाहन का वार्षिक सड़क टेक्स का पांच गुना जुर्माना या आजीवन टेक्स का एक तिहाई जुर्माने से दण्डित होगा】।
2. डीलर, व्यापारी आदि मोटर वाहन के रजिस्ट्रीकरण में असफल होने पर दण्ड -【वाहन का वार्षिक सड़क टेक्स का पंद्रह गुना जुर्माना या आजीवन टेक्स के जुर्माने से दण्डित होगा】
3. वाहन स्वामी या डीलर व्यापारी द्वारा झूठी जानकारी या दस्तावेज द्वारा वाहन का रजिस्ट्रीकरण करवाने पर दण्ड-【अधिकतम एक वर्ष की कारावास एवं साथ में वाहन का वार्षिक सड़क टेक्स के दस गुना जुर्माना या आजीवन टेक्स के दो-तिहाई रकम के जुर्माने से दण्डित किया जाएगा】Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
:- लेखक बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665
इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com