भोपाल। मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव और नगरीय निकाय चुनाव में पिछड़ा वर्ग को 35% आरक्षण देने की तैयारी कर ली है। सुप्रीम कोर्ट की पहली फटकार के बाद पिछड़ा वर्ग आयोग ने रिपोर्ट बनाई थी। दूसरी फटकार के बाद सार्वजनिक कर दी गई।
राजधानी में भाजपा सरकार ने अचानक एक प्रेस कांफ्रेंस बुलाई जिसमें नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह, पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन ने बताया कि मध्यप्रदेश में पिछड़ा वर्ग के 48% मतदाता है। इस आधार पर पिछड़ा वर्ग आयोग चाहता है कि पंचायत चुनाव एवं नगर पालिका चुनाव में पिछड़ा वर्ग को 35% आरक्षण दिया जाए। सरकार की तरफ से स्पष्ट किया गया कि यह आरक्षण स्कूल कॉलेजों में भर्ती और सरकारी नौकरियों के लिए नहीं है।
अब आगे क्या होगा
सरकार ने 25 मई तक का समय मांगा था परंतु सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को शुक्रवार दोपहर 2 बजे बुलाया है। शिवराज सिंह चौहान सरकार द्वारा यह डाटा सुप्रीम कोर्ट के सामने रखा जाएगा। वर्तमान में 15% सीटें SC, 20% ST सीटें के लिए रिजर्व हैं। इन दोनों के 35% में यदि ओबीसी का 35% जोड़ दिया जाए तो चुनाव में कुल आरक्षण 70% हो जाएगा। यह नोट करने वाली बात यह है कि बचा हुआ 30% सामान्य जाति वर्ग के लिए नहीं होगा बल्कि सभी के लिए ओपन होगा। अब देखना यह है कि शिवराज सरकार के दावे का सुप्रीम कोर्ट में क्या होता है। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP NEWS पर क्लिक करें.