भोपाल। भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने मध्यप्रदेश में होने वाले पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को खत्म कर दिया है। फैसला सुनाया है कि पंचायत चुनाव बिना OBC आरक्षण की किए जाएं।
सरकार ने 35% ओबीसी आरक्षण का दावा किया था
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग की एक रिपोर्ट के आधार पर सुप्रीम कोर्ट में 35% ओबीसी आरक्षण का दावा किया था। सरकार का कहना था कि जिस जाति के मतदाता अधिक हैं उस जाति को उसके अनुपात में आरक्षण मिलना चाहिए। सरकार जनसंख्या के आधार पर आरक्षण निर्धारित करना चाहती थी।
शिवराज सरकार का ओबीसी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट में खारिज
सुप्रीम कोर्ट में शिवराज सिंह चौहान सरकार का ओबीसी आरक्षण वाला प्रस्ताव खारिज हो गया। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एक याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रदेश में त्रिस्तरीय (ग्राम, जनपद और जिला) पंचायत और नगरीय निकाय (नगर परिषद, नगर पालिका और नगर निगम) में पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने के लिए सरकार से अध्ययन कराने के निर्देश दिए थे। सरकार ने राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग गठित किया था, जिसने मतदाता सूची का परीक्षण कराने के बाद दावा किया कि प्रदेश में 48 प्रतिशत मतदाता ओबीसी हैं। इस आधार पर रिपोर्ट में त्रिस्तरीय पंचायत और नगरीय निकाय के चुनाव में ओबीसी को 35 प्रतिशत आरक्षण देने की अनुशंसा करते हुए सरकार को रिपोर्ट सौंपी। इसे विगत शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत किया गया था। सभी पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP NEWS पर क्लिक करें.