RDVV NEWS - भ्रष्टाचार की दीमक 7000 किताबें खा गई

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जबलपुर। 
मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में स्थित रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार चरम पर चल रहा हैं। अधिकारियों की सांठ गांठ का परिणाम छात्र भुगत रहे हैं। विश्वविद्यालय की पंडित द्वारिका प्रसाद मिश्र केंद्रीय लाइब्रेरी की करीब सात हजार पुस्तकों में दीमक लग चुकी है। लाइब्रेरी को सुव्यवस्थित रखने के लिए यूजीसी से 20 लाख रुपए की राशि भी दी जाती है। इसके अलावा भी अन्य राशि मिलाकर करीब करोड़ों रुपयों के खर्च करने के बावजूद लाइब्रेरी की हालत सुधरने का नाम ही नहीं ले रही है। 

यही हालत विश्वविद्यालय के सभी विभागों की लाइब्रेरी के भी हैं। जिनमें से अधिकांश विभागों की लाइब्रेरी के ताले ही नहीं खुलते हैं। जानकारी के अनुसार विभागों में लाइब्रेरी के लिए अटेंडर ही मौजूद नहीं है। इस प्रकार से विश्वविद्यालय छात्रों के साथ पढ़ाई के मामले में लगातार खिलवाड़ कर रहा है। लाइब्रेरी में प्रतिदिन महज 15 से 20 छात्र ही आते हैं। छात्र लाइब्रेरी की अव्यवस्थाओं के कारण आने से परहेज करते हैं। तो वहीं अधिकारी इसे छात्रों की ही नाकामी बताते हैं। लाइब्रेरी की हालत इतनी जर्जर हो चुकी है करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद लाइब्रेरी के हॉल की सीलिंग मेंटेनेंस के बाद भी उखड़ रही है। जिसके कारण हॉल में करीब 2 वर्षों से छात्रों ने पढ़ाई करना ही छोड़ दिया हैं।

विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी में 12 शिक्षकों की तैनाती की गई है। जिसमें 1 टेक्निकल, 9 बुक अटेंडर व 2 लिपिक शामिल है। जिनके ऊपर लाइब्रेरी की करीब 1 लाख 60 हजार पुस्तकों का दबाव हैं। वहीं छात्रों के लिए 15 कंप्यूटर भी मौजूद हैं। जिसमें से आधे से अधिक बंद हो चुके हैं। चालू कंप्यूटरों पर छात्रों को बैठने की भी अनुमति नहीं दी जाती। जिसकी शिकायत काफी बार छात्रों द्वारा की जा चुकी है।

विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी में छात्रों को स्वयं ही बुक निकालना पड़ता है। वर्षो से धूल में रखी किताबें छात्र खुद साफ कर रखने के लिए मजबूर है। लाइब्रेरी में 2 साल से एक भी नई किताबों को नहीं खरीदा गया है। लाइब्रेरी को डिजिटल बनाने के लिए लैंग्वेज लैब व रीडिंग हॉल के लिए करीब 2 करोड़ रुपए के खर्च से जीर्णोद्धार की बात कहीं जाती है। लेकिन सभी योजनाएं फिलहाल ठंडे बस्ते में है। वहीं छात्रों को लाइब्रेरी में पढ़ने के लिए पर्याप्त मात्रा में कुर्सियां से लेकर अन्य सुविधाओं का भी अभाव है। उच्च शिक्षा, सरकारी और प्राइवेट नौकरी एवं करियर से जुड़ी खबरों और अपडेट के लिए कृपया MP Career News पर क्लिक करें.

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