जबलपुर। हाईकोर्ट में खुलासा हुआ है कि सागर जिले की एक लड़की ने अपने साथी कर्मचारी के खिलाफ रेप और एससी एसटी एक्ट के तहत झूठा मामला दर्ज करा दिया। पुलिस ने विवेचना में बलात्कार और जातिगत प्रताड़ना होने का दावा किया। आरोपी युवक को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। 3 नवंबर 2021 से युवक जेल में हैं।
अपनी गवाही में लड़की ने स्पष्ट किया है कि उसके साथ कोई बलात्कार नहीं हुआ। काम के दौरान दोनों का झगड़ा हो गया था। अन्य साथियों के कहने पर बलात्कार और SC-ST ACT के तहत मामला दर्ज करवाने के लिए पुलिस के पास चली गई थी। अधिवक्ता राजपूत ने तर्क दिया कि शिकायतकर्ता के मामा और नानी ने भी अदालत में ऐसी किसी घटना से इनकार किया।
सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने माना कि शिकायतकर्ता युवती ने झूठी रिपोर्ट लिखाई। इस मामले में उसे सरकार की ओर से पीड़ित प्रतिकर योजना के तहत मुआवजा दिया गया, वह गलत था। कोर्ट ने आवेदक की जमानत अर्जी मंजूर करते हुए निर्देश दिए कि ट्रायल कोर्ट को मुआवजे की वसूली के लिए आवश्यक आदेश जारी करेगा।