सिहोरा। जिस चेहरे पर पिछले 18 वर्षों से लगातार विश्वास किया उसपर से पर्दा उठ गया। हम अपने निर्णय से शर्मिंदा है, अब प्रायश्चित स्वरूप सामूहिक रूप से मुंडन करायेंगे। यह घोषणा लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति ने अपने 34वें धरने में कही।विदित हो कि विगत 27 मई शुक्रवार को समिति के प्रतिनिधिमंडल को मुख्यमंत्री शिवराज ने दो टूक कह दिया है कि सिहोरा के जिला बनने से उनकी पार्टी को नुकसान होगा।
शिवराज सिंह से विश्वास टूटा, सामूहिक मुंडन कराएँगे
समिति के विकास दुबे ने धरना स्थल पर अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि माननीय मुख्यमंत्री शिवराज जी के चेहरे पर विश्वास कर सिहोरा ने लगातार उन्हें सत्ता सौंपी पर सिहोरा के प्रति जिस प्रकार का रवैया उन्होंने मुलाकात में दिखाया उससे उनके चेहरे पर पड़ा पर्दा हट गया। हमने उन्हें पहचानने में गलती की और उन्हें अपने क्षेत्र की कमान सौंपी।अब प्रायश्चित स्वरूप अगले रविवार के धरने में समिति के सदस्य सामूहिक रूप से मुंडन करा नगर भ्रमण पर निकलेंगे।
अनेक सामाजिक संगठन पहुँचे
यद्यपि सिहोरा में धरने के समय लगातार बारिश हो रही थी फिर भी मुख्यमंत्री के जबाब से खिन्न अनेक सामाजिक संगठन धरने पर पहुँचे और आंदोलन को तेज करने का शंखनाद किया। धरना स्थल पर अटल संस्कार मंच के मनोज जैन, अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज के कृष्ण कुमार कुररिया,गायत्री परिवार के नरेन्द्र गर्ग,गौ रक्षा समिति के नितेश खरया ने पहुँचकर आर पार की लड़ाई का शंखनाद किया।
उड़ा दो धूल तब मानेगा फूल
समिति के वरिष्ठ सदस्य नागेंद्र कुररिया और रामजी शुक्ला ने अपने उद्बोधन में मुख्यमंत्री शिवराज जी के सिहोरा जिला बनाने पर पार्टी को नुकसान होने के बयान की निंदा की।उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार में विधायकों की जितनी सौदेबाजी हुई उससे पहले कभी नही हुई।सिर्फ सौदे से ही यदि सरकारें डरती है तो आगामी चुनाव में सिहोरा वासी 'उड़ा दो धूल तब मानेगा फूल'नारे के साथ अपने मत का महत्व बतावे।
रविवार के धरने में समिति के मनोज जैन, नीतेश खरया, सत्यम विश्वकर्मा, अनिल जैन, अंकुर जैन, सुशील जैन, अमित बक्शी, नत्थू पटेल, रामजी शुक्ला, सुखदेव कौरव, कृष्ण कुमार कुररिया, रामलाल साहू, अजय कुमार, गुड्डू कटेहा, पन्नालाल सहित अनेक सिहोरावासी मौजूद रहे।