यह बिल्कुल भी नया बिजनेस कॉन्सेप्ट नहीं है बल्कि भारत का सबसे सक्सेसफुल घरेलू उद्योग है। तारक मेहता का उल्टा चश्मा वाली माधवी भाभी जो काम अपने हाथ से करती है वही काम करने के लिए फुली ऑटोमेटिक मशीन लॉन्च हो चुकी है। कीमत है मात्र ₹35000.
फुली ऑटोमेटिक पापड़ मेकिंग मशीन
कई कंपनियों द्वारा लांच की जा चुकी है। बड़ी मशीन की कीमत ₹200000 के आसपास है लेकिन छोटी मशीन मात्र ₹35000 में मिल जाती है। दोनों की टेक्नोलॉजी में कोई अंतर नहीं है, केवल प्रोडक्शन कैपेसिटी में अंतर है। छोटी मशीन से आप 2 घंटे में 200 पापड़ बना सकते हैं। बड़ी मशीन से 2 घंटे में 1000 पापड़ बनते हैं। आपको ना तो आटा गुंदना पड़ता है ना ही पापड़ बेलने पड़ते है। सब कुछ मशीन से होता है और बहुत ही फिनिशिंग के साथ। पॉसिबल है आपके इलाके में इस मशीन से कोई काम कर रहा हो।
घरेलू पापड़ प्रोडक्शन में कितना प्रॉफिट होता है
इसमें आपको बहुत ज्यादा मार्केटिंग नहीं करनी पड़ती। बस आपके हाथ में स्वाद होना चाहिए। मशीन से 1000 पापड़ बनाने की लागत ₹1000 के आसपास आती है। यदि आप एक पापड़ पर एक रुपए का मार्जन रखते हैं, तो आपको ₹1000 प्रतिदिन का प्रॉफिट होता है। डोर टू डोर सप्लाई के अलावा शहर की किराना दुकानों पर, शॉपिंग मॉल में सप्लाई कर सकते हैं। सरकारी योजनाओं के तहत सब्सिडी वाला लोन भी मिल जाता है। पब्लिक प्लेस पर अपने स्टाल लगा सकते हैं।
घरेलू पापड़ का उद्योग हमेशा सफल होता है
आपको याद होगा 90 के दशक में घरेलू पापड़ की सप्लाई सबसे ज्यादा हुआ करती थी। इसमें सबसे बड़ी प्रॉब्लम यह थी कि पापड़ हाथ से बनाना पढ़ते थे और काफी मेहनत लगती थी। इतना मार्जिन नहीं था। इसलिए महिलाओं ने पापड़ बनाने का काम बंद कर दिया था। घरेलू पापड़ की डिमांड आज भी है क्योंकि भारत के हर शहर में लोगों का स्वाद और मसाले का बैलेंस अलग-अलग रहता है। माधवी भाभी से लिख लिज्जत पापड़ तक, कभी कोई असफल नहीं हुआ।