Real motivational story of UPSC IAS toppers
श्रुति शर्मा ने न केवल देश की महिलाओं का नाम रोशन किया है बल्कि भारत के तमाम पिता और भाइयों को प्राउड फील कर आया है। हर कोई आज अपने घर की बहन-बेटी में श्रुति शर्मा को ढूंढ रहा है। संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में ऑल इंडिया नंबर वन, इतिहास बनाने वाली बात है। आइए जानते हैं, श्रुति शर्मा ने ऐसा क्या किया जो बाकी स्टूडेंट्स ने नहीं किया था।
श्रुति ने ग्रेजुएशन के लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी से संबंधित सेंट स्टीफेंस कॉलेज से पढ़ाई की। पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया लेकिन डिग्री कंप्लीट करने से पहले ही क्विट कर गई। फिर दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (दिल्ली विश्वविद्यालय) से पोस्ट ग्रेजुएशन किया। सिविल सेवा की तैयारी के लिए जामिया मिलिया इस्लामिया की आवासीय कोचिंग अकादमी (RCA) में एडमिशन लिया।
बताने की जरूरत नहीं, श्रुति शर्मा ने हर उस जगह पढ़ाई की जहां उसे पढ़ाने वाले अच्छे मिले। जहां पढ़ाई का माहौल खराब हुआ, उसने साल खराब होने की परवाह किए बिना क्विट किया। इस तरह के स्टेप को मिडल क्लास फैमिली में 1 साल खराब होना कहते हैं जबकि श्रुति शर्मा की नजर से देखे तो उसने सिर्फ 1 साल खराब किया लेकिन अपना एक साल और जिंदगी खराब होने से बचाया।
श्रुति शर्मा की अपनी एक विचारधारा है जिसका नाम है सफलता। यह किसी भी विचारधारा पर भारी पड़ी। आज अपनी बेटी, अपनी बहन, अपना गौरव बन गई है।