वास्तुविद प्रयास मंगल बताते हैं कि घर किराए का हो, स्वयं का या फिर किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर हो इसके शुभ-अशुभ फल उन लोगों को ही भोगने पड़ते हैं जो उस घर में निवास करते हैं।
किरायेदारों के लिए वास्तु के कुछ नियम
वास्तु पर आधारित ये टिप्स खास उन लोगों के लिए हैं जो किराए के मकान में रह रहे हैं। आपने मकान का जो हिस्सा किराए पर लिया है वहां की दक्षिण व पश्चिम दिशा में ज्यादा भारी व ऊंचा सामान रखें। उत्तर व पूर्व दिशा को हल्का और स्वच्छ व खाली रखें। इससे आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत रहेगी और किसी प्रकार की कोई बड़ी परेशानी नहीं आएगी।
- ईशान दिशा में भगवान की फोटो या मूर्ति रखकर पूजा स्थल बनाएं, इसमें सुबह-शाम दीपक या धूप-बत्ती अवश्य जलाएं। इससे वास्तु देवता प्रसन्न होते हैं और शुभ कार्य जल्दी होते हैं।
- उत्तर या ईशान दिशा में पानी रखें, इससे धन आगमन होगा व अनावश्यक खर्चों से बचेंगे।
- जहां तक हो सके मकान के दक्षिण, पश्चिम दिशा वाले कमरे को मास्टर बेडरूम बनाएं व बेडरूम में सिरहाना दक्षिण या पूर्व दिशा में रखें। इससे नींद अच्छी आएगी, स्वास्थ्य ठीक रहेगा व व्यापार और परिवार पर नियंत्रण बना रहेगा।
- दर्पण या ड्रेसिंग टेबल उत्तर या पूर्व दिशा की दीवार पर ही लगाएं,दक्षिण या पश्चिम दिशा में लगे हुए दर्पण आपके घर में वास्तुदोष का कारण बन सकते हैं। उन पर पेपर चिपका दें या परदा लगा दें।
- दक्षिण व पश्चिम दिशा में अगर कोई द्वार या खिड़कियां हों, तो यथासंभव उनको ज्यादा खुला न रखें क्योंकि इनसे नकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश कर सकती है, जिससे मानसिक अशांति, बीमारियां और धन-हानि के योग बन सकते हैं।
- उत्तर-पूर्व दिशा की खिड़कियों को ज्यादा से ज्यादा खोल कर रखें व इस दिशा के दरवाजों का आने-जाने में ज्यादा उपयोग करें। इनसे शुभ ऊर्जा भवन में प्रवेश करती है और ऐसे घर में रहने वालों को अत्यंत शुभ फल मिलते हैं।
- अगर आपके पास एक ही कमरा है और किचन भी अलग से नहीं है, तो आप कमरे के अग्निकोण में गैस चूल्हा या स्टोव रखें, अग्निकोण में अग्नि संबंधी वस्तुएं रखने से उसमें निवास करने वाले लोगों की प्रतिष्ठा बढ़ती है व घर खर्च के लिए कभी धन की कमी नहीं होती।
- रुपए, पैसे, गहने, एटीएम कार्ड, पासबुक और प्रॉपर्टी के कागजात या अन्य कोई कीमती दस्वावेज कमरे के नैऋत्य कोण में, उत्तर मुखी या पूर्व मुखी अलमारी में ही रखें, इससे धन-संपत्ति में बढ़ाेतरी होती है।
- घर के नैऋत्य कोण (दक्षिण-पश्चिम) में अंधेरा नही रहना चाहिए तथा वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम ) में तेज रोशनी का बल्व न जलाएं, यह वास्तुदोष का कारण हो सकता है।
ऐसे घर को तुरंत बदले जहां
घर का ईशान कोण या नैऋत्य कोण कटा हुआ हो, ईशान कोण में ज्यादा ऊंचा निर्माण हो, घर की उत्तर, पूर्व दिशा बिल्कुल बंद हो, दक्षिण-पश्चिम दिशा ज्यादा खुली हुई, नीची या इस दिशा में पानी का टैंक, कुआं, बेसमेंट या कोई गहरा गड्डा हो। इस तरह के गंभीर वास्तुदोष आपके जीवन में किसी बड़े संकट का कारण बन सकते हैं।