वीपीएन यानी वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क यह एक ऐसा नेटवर्क होता है जो आपके मोबाइल, लैपटॉप और कंप्यूटर में डाटा को एंक्रिप्ट करता है। जिससे आपकी (आईपी ऐड्रेस) इंटरनेट की पहचान दुनिया से छुपी रहती है। आप किसी कंप्यूटर, मोबाइल या किसी भी डिवाइस पर क्या सर्च कर रहे हैं, क्या देख रहे हैं, किस से चैट कर रहे हैं, इसके बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं होती। 28 जून 2022 से VPN को लेकर भारत में नए नियम लागू हो रहे हैं:-
यूजर्स डाटा 5 साल तक स्टोर रखा जाएगा
हाल ही में भारत में ऑनलाइन चीजें बढ़ने के साथ-साथ इसके चलते साइबर क्राइम बढ़ रहा है। इसलिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इन सब को ध्यान में रखते हुए वीपीएन के नियमों में बदलाव किया है। वीपीएन से यूजर्स अपने ब्राउज़िंग हिस्ट्री, डिवाइस हिस्ट्री, आईपी एड्रेस और अपना लोकेशन छिपा लेते थे। वीपीएन कंपनियों को अब सभी वीपीएन यूजर डेटा को कम से कम 5 साल या उससे अधिक सालों के लिए डाटा स्टोर करना होगा। ऐसा ना करने पर एक साल की सजा भी हो सकती है।
नए वीपीएन नियम के फायदे
• बिग डेटा, ब्लॉकचैन, वर्चुअल एसेट्स, वर्चुअल एसेट एक्सचेंज, कस्टोडियन वॉलेट, रोबोटिक्स, 3डी और 4डी प्रिंटिंग, एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग, ड्रोन से होने वाले अपराधों से बचा जा सकता है।
• साइबर ठगी के केसों में आएगी कमी।
• नहीं होगा प्राइवेसी का उल्लंघन डाटा रहेगा सेफ।
• अब नहीं कर सकेंगे मोबाइल फेक ऐप से धांधली।