चातुर्मास में इस बार 16 नहीं 17 सोमवार जिनमें से 12 स्पेशल - Chaturmas somwar calender

जबलपुर
। दिनांक 10 जुलाई 2022 को देवशयनी एकादशी के साथ पूजा-पाठ और भगवान की आराधना के का चातुर्मास शुरू हो जाएगा। इस साल खास बात यह है कि चातुर्मास के दौरान इस बार 16 नहीं बल्कि 17 सोमवार मिलेंगे और इनमें से 12 काफी स्पेशल होंगे। भगवान शिव की आराधना करके मनोकामना पूर्ति का इससे अच्छा मौका साल भर में फिर कभी नहीं मिलेगा।

ज्योतिषाचार्य राधेश्याम डंगोरिया कहते हैं कि श्रावण मास के चार सोमवार का व्रत तो सभी करते हैं लेकिन इस वर्ष यदि चातुर्मास में 17 सोमवार का व्रत एवं विधि विधान के साथ भगवान शिव की पूजा करेंगे तो उनकी प्रार्थना अवश्य ही स्वीकार होगी। भगवान शिव अपने भक्तों में संकल्प की शक्ति देखना चाहते हैं। जो भक्त संकल्पवान होते हैं, भगवान उनके जीवन का विष स्वयं हर लेते हैं।

chaturmas 2022 start and end date

पंड़ित रामजीवन दुबे बताते हैं कि चातुर्मास के पहले सोमवार का प्रारंभ 11 जुलाई सोम-प्रदोष व्रत के साथ होगा। इस व्रत एवं चातुर्मास का प्रथम सोमवार होने और सर्वार्थ सिद्धि योग होने से 16 सोमवार के व्रत का प्रारंभ का महत्व और अधिक बढ़ जाएगा। तारीख के अनुसार सोलह सोमवार इस प्रकार रहेंगे।  इसका समापन 04 नवंबर को होगा।

2022 चातुर्मास के सोलह सोमवार

  • पहला सोमवार 11 जुलाई, 
  • दूसरा सोमवार 18 जुलाई, 
  • तीसरा सोमवार 25 जुलाई, 
  • चौथा सोमवार 1 अगस्त, 
  • पांचवा सोमवार 8 अगस्त, 
  • छठवां सोमवार 15 अगस्त 
  • सातवा सोमवार 22 अगस्त 
  • आठवां सोमवार 29 अगस्त 
  • नौवां सोमवार 5 सितंबर
  • दसवां सोमवार 12 सितंबर
  • ग्यारहवां सोमवार 19 सितंबर
  • 12वां सोमवार 26 सितंबर
  • 13वां सोमवार 3 अक्टूबर
  • 14वां सोमवार 10 अक्टूबर 
  • 15वां सोमवार 17 अक्टूबर 
  • 16वां सोमवार 24 अक्टूबर 
  • 17वां सोमवार 31 अक्टूबर

सन्यासी चातुर्मास में 16 सोमवार का योग घटित होगा। लेकिन गृहस्थ (घर परिवार वाले) लोगों के लिए इस साल चातुर्मास में 17 सोमवार पूजा व व्रत के लिए रहेंगे। एक सोमवार की अधिकता होने के कारण चातुर्मास में शुभ फलों की वृद्धि के साथ प्राकृतिक प्रकोपों में कमी रहेंगी। इसके साथ ही व्यापार, उद्योग धंधे, कृषि क्षेत्र एवं स्वास्थ की दृष्टि से चातुर्मास का समय शुभ फलप्रद रहेगा। 

chaturmas vrat ke niyam rules

किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य नहीं किए जाते। 
दैनिक जीवन के अलावा शेष समय भगवान की पूजा पाठ और भजन में बिताया जाता है। 
विशेष दिवस जब उपवास करेंगे, एकांत धर्म का पालन करेंगे। 
निर्धन नागरिकों को दान, यात्रियों को आसरा।

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