भोपाल। पश्चिम बंगाल और अरब सागर से मानसून के बादल मध्य प्रदेश की तरफ रवाना हुए थे परंतु उनकी गति सामान्य से कम है। बादलों के 4 दिन पहले पहुंचने की संभावना थी परंतु मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अब मध्य प्रदेश में मानसून 4 दिन देरी से पहुंचेगा।
मध्य प्रदेश में मानसून कब से शुरू होगा
मध्य प्रदेश में मानसून कब से शुरू होगा इसकी कोई निर्धारित तारीख नहीं बताई जा सकती परंतु एक अनुमान होता है कि केरल के तट से मध्य प्रदेश के मध्य तक आने में 15 दिन का समय लगता है। केरल के तट पर 1 जून से पहले मानसून के बादल पहुंच गए थे। इस हिसाब से 15 जून तक मध्य प्रदेश में आ जाना चाहिए था परंतु आसमान में बादलों को हवाओं का साथ नहीं मिल रहा है। उनकी स्पीड प्रभावित हो गई है। अनुमान है कि 20 जून तक मध्यप्रदेश में प्रवेश कर जाएंगे।
ट्रफ लाइन लाइन खाली है, पानी वाले बादलों का इंतजार
सरकारी मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षाेभ अफगानिस्तान के आसपास मौजूद है और दक्षिण-पर्वी उत्तर प्रदेश पर भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इस चक्रवात से लेकर नागालैंड तक एक ट्रफ लाइन (बादलों का रास्ता) भी बनी हुई है, लेकिन पानी वाले बादल अभी तक इस रास्ते पर नहीं आए हैं।
मध्य प्रदेश मौसम का पूर्वानुमान
भारत मौसम विज्ञान विभाग के भोपाल केंद्र के अनुसार सागर, ग्वालियर एवं चंबल संभाग के सभी जिलों में और राजगढ़ रायसेन रीवा सतना सीधी बालाघाट एवं उमरिया जिलों में लू चलेगी। लोगों से सावधान रहने की अपील की गई है। सीधे सूर्य की किरणों के संपर्क में ना आएं। हल्के रंग के कपड़े पहने। अपने सिर को टोपी या कपड़े से ढक कर रखें और पानी पीते रहे।